झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षाओं में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही आयोग की पूर्व सचिव एलिस उषा रानी सिंह ने हजारीबाग जिले में अपने घर की कुर्की के तुरन्त बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि जेपीएससी की पूर्व सचिव एलिस उषा रानी सिंह ने मंगलवार शाम यहां से सवा सौ किलोमीटर दूर हजारीबाग जिले के मुफस्सिल पुलिस थाने में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. उनके आत्मसमर्पण के तुरन्त बाद पुलिस ने इसकी सूचना सतर्कता विभाग को दी जिसके दल ने थाने पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और रांची रवाना हो गयी . इस बड़े घोटाले में यह पहली बड़ी गिरफ्तारी है.
सिंह को आज रांची में विशेष सतर्कता अदालत में पेश किया जायेगा. सतर्कता विभाग इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद से ही उनकी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की तलाश कर रहा था लेकिन आयोग की तत्कालीन सचिव उषा रानी सिंह समेत सभी वरिष्ठ पदाधिकारी फरार चल रहे थे.
इससे पूर्व आज दिन में विशेष सतर्कता अदालत के निर्देशों एवं वारंट के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं हो सकी उषा रानी सिंह के घर की सतर्कता विभाग ने कुर्की की. अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर उनके घर की कुर्की के आदेश दिये थे. इस आदेश के आधार पर मंगलवार को रांची से हजारीबाग पहुंचे सतर्कता दल ने उनके घर की कुर्की की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सतर्कता दल ने उपाधीक्षक शिवचंद चौबे के नेतृत्व में छापेमारी की.
मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के भ्रष्टाचार मामलों की जांच शीघ्र पूरा करने के निर्देश के आलोक में सतर्कता विभाग की इस कार्रवाई को देखा जा रहा है.