एक निजी स्टील कंपनी से धन प्राप्त करने के आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि वह उन सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जो इस राजनीति से प्रेरित अभियान के पीछे हैं.
वीरभद्र ने भ्रष्टाचार के आरोपों को ‘घटिया राजनीतिक तमाशा’ करार दिया और कहा कि वह इस संबंध में ‘किसी भी एजेंसी’ से ‘कोई भी जांच’ कराये जाने को तैयार हैं.
वीरभद्र के करीबी अधिकारियों को हटाने की मांग
सिंह ने कहा कि यह पूरी तरह से असत्य, दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित है और वह इसका पूरी तरह से खंडन करते हैं. इसके अलावा वह इस संबंध में ‘किसी भी एजेंसी’ से ‘कोई भी जांच’ कराये जाने को तैयार हैं.
उन्होंने दावा किया कि उनके आलोचकों ने मीडिया में यह मुद्दा इसलिये उठाया है ताकि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों को प्रभावित किया जा सके.
हिमाचल प्रदेश के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने कहा, ‘यह केवल घटिया राजनीतिक तमाशा है और कुछ नहीं.’
फर्जी राशन कार्ड मामले की CBI जांच हो: वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह का बयान ऐसे समय पर आया है जब मीडिया के वर्ग में ऐसी खबरें आई हैं जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने और कई अन्य ने इस्पात इंडस्ट्री से धन लिया.
मई 2009 से जनवरी 2011 के बीच केंद्रीय स्टील मंत्री रह चुके सिंह ने कहा, ‘मैं किसी को भी चुनौती देता हूं कि वह इस्पात इंडस्ट्री को दिये गये अनावश्यक फायदे को साबित करे. मेरे कार्यकाल के दौरान इस स्टील मंत्रालय ने इस कंपनी का किसी भी तरह से पक्ष नहीं लिया.’
नवंबर से शुरू होगी वीरभद्र सिंह के खिलाफ सुनवाई
मीडिया में आई रिपोर्ट का विरोध करते हुए सिंह ने कहा, ‘सबसे पहले मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं अपना हस्ताक्षर वीएस लिखता हूं न कि वीबीएस.’ वीरभद्र ने कहा, ‘एक बार जब चुनाव खत्म हो जायेंगे तो मैं इस झूठ में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा. ये लोग मेरे खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रहे हैं.’
इस बीच जब इस्पात इंडस्ट्री के प्रवर्तक विनोद मित्तल से संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि उन्हें विस्तृत जानकारी नहीं है क्योंकि वह विदेश में हैं.