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मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से वोडाफोन को सबसे ज्यादा लाभ

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा से वोडाफोन, भारती एयरटेल और आइडिया को काफी फायदा हुआ है.

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वोडाफोन
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मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) सेवा से अधिकतर दूरसंचार कंपनियों पर असर नहीं पड़ा है. इस चर्चित सेवा के शुरू होने के पांच माह में देश में 77.1 करोड़ मोबाइल ग्राहकों में से मात्र 40 लाख ने ही इस सेवा का ‘लाभ’ उठाया है. एमएनपी के तहत मोबाइल ग्राहकों को अपना नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदलने की सुविधा मिलती है.

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मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा 20 जनवरी को शुरू हुई थी. उसके बाद से वोडाफोन, भारती एयरटेल और आइडिया को काफी फायदा हुआ है. वहीं रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम) ऐसी कंपनी रही है, जिसको यह सेवा शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. हालांकि, आरकाम इससे चिंतित नहीं है. अनिल अंबानी समूह की कंपनी ने कहा है कि उसका ध्यान संख्या बढ़ाने नहीं, ग्राहकों को मूल्यवर्धक सेवाएं देने पर है.

आरकाम के अध्यक्ष (कारपोरेट एंड वायरलेस ग्राहक सेवा) अनुराग पराशर ने कहा, ‘यह सच है कि शुरुआत में हमने काफी समय गंवाया है. आज की तारीख में भी हम एमएनपी को लेकर घाटे में हैं. पर हम खुश हैं. हमारे ज्यादातर जाने वाले ग्राहक (पोर्ट आउट) कम औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) वाले थे, वहीं आने वाले ज्यादातर ग्राहक (पोर्ट इन) ऊंचे एआरपीयू वाले हैं.’ पराशर ने कहा, ‘हमारी एमएनपी रणनीति कारपोरेट ग्राहकों को जोड़ने की है, छोटे बदलाव की नहीं, जिन पर हमारे प्रतिद्वंद्वी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’ पराशर ने दावा किया कि आरकाम ने अभी तक 10,000 कारपोरेट ग्राहक एमएनपी के जरिये जोड़े हैं.

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सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) के आंकड़ों के अनुसार, एमएनपी में आरकाम को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. उसके कुल 10,70,747 उपभोक्ता दूसरे आपरेटरों के पास गए हैं. कंपनी के जीएसएम परिचालन को इससे सबसे ज्यादा 7,45,877 ग्राहकों का नुकसान हुआ है. वहीं आरकाम के पास आने वाले दूसरे आपरेटरों के ग्राहकों की संख्या 1,30,167 है. आरकाम की सीडीएमए सेवा का प्रदर्शन हालांकि कुछ बेहतर रहा है. उसके 3,68,588 सीडीएमए ग्राहकों ने दूसरे आपरेटरों की सेवा को चुना है, वहीं दूसरे आपरेटरों के 13,551 ग्राहक उसके पास आए हैं. इस घाटे के बावजूद अप्रैल में आरकाम के ग्राहकों की कुल संख्या 13 करोड़ थी और वह देश की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल आपरेटर है.

एमएनपी से सबसे ज्यादा फायदे में वोडाफोन रही है. वोडाफोन को शुद्ध रूप से 5,13,259 ग्राहकों का फायदा हुआ है. कंपनी ने दूसरे आपरेटरों के 14,35,101 ग्राहक जोड़े हैं, वहीं 9,21,842 उपभोक्ताओं ने उसका साथ छोड़ा है. वहीं भारती को 5,06,828 ग्राहकों का शुद्ध फायदा हुआ है. भारती के पास 15,72,682 ग्राहक आए हैं, वहीं उसके 10,65,254 ग्राहक दूसरे आपरेटरों के पास गए हैं.

आइडिया के पास दूसरे आपरेटरों के 11,62,594 ग्राहक आए हैं और उसके 6,91,608 ग्राहक अन्य आपरेटरों के पास गए हैं. इस तरह उसका शुद्ध फायदा 4,70,986 ग्राहकों का रहा है.

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आंकड़ों के अनुसार, एमएनपी से सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल को 4,09,028 ग्राहकों का शुद्ध नुकसान हुआ है.

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