लोकसभा में मंगलवार को सरकार के खिलाफ कटौती प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यहां हालात संभालने के इरादे से पहल करते हुए कहा कि सरकार के पक्ष में मतदान गलती से हुआ और झारखंड में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोई योजना नहीं है.
झामुमो के सांसद और मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन ने कहा, ‘यह गलती से हुआ. यह मानवीय भूल है जो मतदान के दौरान पैदा हुए भ्रम के चलते हुई. हमने कल रात ही भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से भेंट कर उनके समक्ष स्थिति स्पष्ट कर दी है.’
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कल लोकसभा में कटौती प्रस्ताव पर मतदान के दौरान संप्रग सरकार के पक्ष में आ जाने से ऐसी अटकलें लगायी जाने लगीं थीं कि आदिवासी राज्य झारखंड में सत्ता के नये समीकरण बन सकते हैं और झामुमो के राज्य में सरकार में अपने मौजूदा साझीदार भाजपा से संबन्धों में बदलाव आ सकता है. झामुमो के इस रवैये से स्तब्ध भाजपा ने कटौती प्रस्ताव पर मतदान के बाद कहा था कि उसने लोकसभा में शिबू सोरेन द्वारा अपने सहयोगी से किये गये विश्वासघात पर ध्यान दिया है.
सोरेन अभी भी लोकसभा सदस्य हैं और उन्होंने अचानक सदन में आकर संप्रग के पक्ष में मतदान कर भाजपा को चौंका दिया था. झारखंड में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की अटकलों को खारिज करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा, ‘यह अफवाह है. इसमें कोई सचाई नहीं है.’
भाजपा ने पहले दावा किया था कि सोरेन और झामुमो का एक अन्य सांसद कामेश्वर बैठा राजग का साथ देते हुए मतदान करेंगे. बैठा जेल में हैं और वह मंगलवार को मतदान के दौरान लोकसभा में नहीं आये.