संप्रग के प्रमुख घटक दल तृणमूल कांग्रेस के दबाव के मद्देनजर केंद्र ने पश्चिम बंगाल के रायगंज के स्थान पर नदिया जिले में एम्स जैसा नया चिकित्सा संस्थान स्थापित करने के मामले को सुलझाने पर सहमति व्यक्त की है.
पिछले तीन सालों से केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच राज्य में एम्स जैसे नये संस्थान स्थापित किये जाने के स्थान को लेकर रस्साकशी चल रही थी. राज्य सरकार ने मूल स्थान को बदलने की मांग की थी.
12वीं योजना कि दौरान ने उत्तरप्रदेश के रायबरेली और पश्चिम बंगाल के रायगंज में एम्स जैसे दो संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया था. रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का चुनाव क्षेत्र है, जबकि रायगंज कांग्रेस के बीमार नेता प्रियरंजन दासमुंशी के प्रभाव वाला क्षेत्र है.
केंद्र के रुख में नरमी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री सुदीप बंदोपाध्याय के अपने मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखने के बाद आई, जिसमें उनसे राज्य की मांग मान लेने का आग्रह किया गया था. बंदोपाध्याय ने कहा, ‘मैंने मंत्री को इस बारे में लिखा है. हम इस बारे में इस महीने बातचीत के बाद मुद्दे को सुलझा लेंगे. मेरा मत प्रस्ताव पर अमल सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ जाने का है.’
उन्होंने कहा, ‘चूंकी स्वास्थ्य राज्य का विषय है, केंद्र को राज्य सरकार की उस मांग से सहमत होना चाहिए, जिसमें एम्स जैसे संस्थान को राजधानी कोलकाता के समीप कल्याणी में स्थानांरित करने की मांग की गई है. राज्य ने संस्थान के लिए भूमि आवंटित करने का आश्वासन दिया है.’ इसके बाद आजाद ने इस मामले में इस महीने में बंदोपाध्याय के साथ चर्चा करने और मामले को सुलझाने पर सहमति जतायी है.
केंद्र के रुख में नरमी इस विषय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग और बंदोपाध्याय की ओर से इस पर जोर देने के बाद सामने आई है. बंदोपाध्याय लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस संसदीय पार्टी के नेता है और पार्टी के लोकसभा में 19 सदस्य हैं.
रायगंज में 100 एकड़ में एम्स जैसा संस्थान स्थापित करने के प्रस्ताव को 2009 में मंजूरी दी गई थी. इसमें 960 विस्तरों का प्रस्ताव किया गया था जिसपर 800 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च होने का अनुमान लगाया था. उत्तरप्रदेश के रायबरेली में एम्स जैसा संस्थान स्थापित करने के कार्य के जोर पकड़ने के साथ तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में इस मुद्दे को सुलझाने पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था.
ममता बनर्जी ने संस्थान के लिए जमीन मुहैया कराने का वायदा किया है और वह चाहती हैं कि इस मामले में और देरी नहीं की जाए. इस मामले का समाधान निकालने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने कल्याणी से एक अत्याधुनिक अस्पताल को रायगंज स्थानांतरिक करने का प्रस्ताव किया है.