ममता बनर्जी केन्द्र सरकार से बेहद नाराज हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि केन्द्रीय सुरक्षा बल का इस्तेमाल बंगाल में उनके कार्यकर्ताओं को मारने के लिए हो रहा है और केन्द्र सरकार मूक दर्शक बनी बैठी है. ममता ने कहा है कि सरकार चाहे तो इसकी जांच करा ले और अगर उनका ये आरोप गलत होता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगी.
ममता का अंदाज तल्ख था. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस राष्टीय पार्टी है और उनको ही ये सोचना है कि वे तृणमूल के साथ चलना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे महंगाई का सवाल हो, पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का मामला हो, केन्द्र सरकार उन्हें विश्वास में नहीं लेती.
दरअसल ममता बनर्जी का पूरा ध्यान अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर है और वे ऐसे किसी भी मुद्दे पर कांग्रेस के साथ नहीं दिखना चाहतीं जिससे राजनीतिक तौर पर उन्हें नुकसान हो.
माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी वे जेपीसी गठित किए जाने के पक्ष में हैं ताकि लेफ्ट इस मुद्दे पर मौरल हाई ग्राउंड न ले सके लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है. ममता को मालूम है कि अपने 19 सांसदों की ताकत पर वो केन्द्र सरकार को घुड़की दे सकती हैं.