काले धन और भ्रष्टाचार मुद्दे पर आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर सभी पार्टियों से समर्थन क्या मांगा. राजनीतिक हलके में बयानबाजी का दौर चल उठा.
पहले रामदेव के मंच से भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी योग गुरु से राजनीतिक समर्थन की अपेक्षा नहीं रखती और उनके आंदोलन को सक्रिय समर्थन देगी.
गडकरी ने कहा, 'प्रत्येक 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, लेकिन हमें सच्ची स्वतंत्रता तब मिलेगी जब भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि जैसी समस्याएं समाज से जड़ से समाप्त हो जाएंगी.'
वहीं जदयू नेता और एनडीए के संयोजक शरद यादव ने कहा कि सीबीआई को हर हाल में सरकार के नियंत्रण से बाहर लाना पड़ेगा.
लगातार तेज हो रहे जुबानी हमलों के बीच कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी अपनी पार्टी और सरकार का पक्ष रखने के लिए सामने आए. उन्होंने कहा कि हमनें राजनीति में राजनीतिक मुखौटा की बात सुनी है.बाबा रामदेव के आंदोलन में भी यह साफ हो गया है.
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की साजिश है जो राजनीति से पूरी तरह से प्रेरित है. सरकार पहले ही इस मसले पर संसद में श्वेत पत्र ला चुकी है.
इसके बाद भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सच्चाई से मुंह मोड़ने की कोशिश कर रही है कांग्रेस. काले धन मुद्दे पर सरकार की नीयत पर सवाल हमेशा उठे हैं. सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है.'