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भ्रष्‍ट सरकार के मुखिया हैं मनमोहन: वाशिंगटन पोस्‍ट

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्‍ट ने प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है. अखबार ने लिखा है कि मनमोहन सिंह की साख में गिरावट आई है. अखबार लिखता है कि मनमोहन अब बेअसर हो गए हैं और वक्‍त के साथ उनकी साख में गिरावट आई है.

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अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्‍ट ने प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है. अखबार ने लिखा है कि मनमोहन सिंह की साख में गिरावट आई है. अखबार लिखता है कि मनमोहन अब बेअसर हो गए हैं और वक्‍त के साथ उनकी साख में गिरावट आई है. अखबार ने तो मनमोहन सिंह को भ्रष्‍ट सरकार का मुखिया तक करार दे दिया है.

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इससे पहले अमेरिकी मैगजीन 'टाइम' और ब्रिटेन के अखबार 'द इंडिपेंडेंट' भी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर सवालिया निशान लगा चुके हैं. 'द इंडिपेंडेंट' ने मनमोहन सिंह का मजाक उड़ाते हुए उन्‍हें कांग्रेस अध्यक्ष की कठपुतली करार दिया था. 'द इंडिपेंडेंट' ने लिखा था कि मनमोहन सिंह के पास कोई राजनीतिक ताकत नहीं है और पीएम की कुर्सी पर वो सिर्फ सोनिया गांधी की वजह से बैठे हैं.

तीन साल पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुणगान करने वाली अमेरिका की टाइम मैगजीन ने अपना रुख बदला था. टाइम मैगजीन ने पीएम के कामकाज के तरीके पर सख्त टिपणी की थी.

मैगजीन ने अपने जुलाई अंक में मनमोहन सिंह को अपने फ्रंट कवर पर जगह तो दी, लेकिन टाइम मैगजीन ने मनमोहन सिंह को 'अंडरअचिवर' करार दिया. यानी, पत्रिका ने प्रधानमंत्री की उपलब्धि को नाकाफी बताया है.

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मैगजीन ने मनमोहन सिंह के फैसला लेने की क्षमता पर भी सवाल उठाए. उन्‍हें भारत की सुस्त अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. साथ ही कहा गया कि मनमोहन सरकार ने यूपीए-2 सरकार के पहले 3 साल को गंवा दिया है. हालांकि मैगजीन ने उम्मीद जताई कि बतौर वित्तमंत्री पीएम सही फैसले ले सकेंगे.

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