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दिल्‍ली: पानी की किल्‍लत, सड़कों पर जनता

आप दिल्ली में रहते हैं और बिजली-पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं तो निश्चिंत रहिए. आप निश्चिंत रहिए क्योंकि पानी की दिक्कत कम से कम 2-3 साल तक कहीं नहीं जाने वाली है. बजाय आपकी परेशानियों को किसी ठोस हल तक ले जाने के, दिल्ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने मुश्किलों के आगे सरेंडर कर दिया है और साफ कहा है कि फिलहाल दिक्कतें डटी रहेंगी.

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आप दिल्ली में रहते हैं और बिजली-पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं तो निश्चिंत रहिए. आप निश्चिंत रहिए क्योंकि पानी की दिक्कत कम से कम 2-3 साल तक कहीं नहीं जाने वाली है. बजाय आपकी परेशानियों को किसी ठोस हल तक ले जाने के, दिल्ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने मुश्किलों के आगे सरेंडर कर दिया है और साफ कहा है कि फिलहाल दिक्कतें डटी रहेंगी.

दिल्ली में पीने के पानी की किल्लत जबरदस्त है. पानी को लेकर जो हाहाकार है, उसका गुस्सा जगह-जगह मटकों के रूप में फूट रहा है. दिल्ली में पिछले दिनों कई जगह जल बोर्ड के दफ्तरों पर लोगों ने प्रदर्शन किए. कई जगह ऑफिसों को ताला जड़ दिया और कई जगह अधिकारियों को ही बंधक बना लिया.

कराला में पिछले एक महीने से पानी की सप्लाई बंद है. यही वजह है कि लोगों का गुस्सा बढ़ा और उन्होंने जल बोर्ड के दफ्तर को बंद कर दिया. कई घंटे तक जल बोर्ड के ऑफिस पर लोगों ने हंगामा किया. गुस्सा इस वजह से ज्यादा है कि इसी गांव की जमीन पर पानी की टंकी बनी हुई है इसी गांव को पानी नहीं मिल रहा है.

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लोगों का आरोप है कि जल बोर्ड के लोग पीने का पानी प्राइवेट टैंकरों को बेच देते हैं. लोगों ने जल बोर्ड के दफ्तर पर ताला लगा दिया और अंदर अधिकारी फंसे रहे. पुलिस ने काफी समझाया तो ताला खोला गया लेकिन, लोगों की समस्या सुलझाने का कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल पाया. मुख्यमंत्री खेद जताकर और आश्वासन देकर मामला निपटा दे रही हैं.

शनिवार को दिल्ली में बिजली की डिमांड 4458 मेगावाट पहुंच गई. इस सीजन में बिजली की मांग 5155 मेगावाट तक पहुंची है,जोकि राजधानी के लिए रिकॉर्ड है.

पिछले दिनों राजधानी में करीब आधा दर्जन पावर प्लांट में खराबी आ गई थी. जिसके चलते बिजली उत्पादन में कमी आई. दिक्कत ये है कि बजाय पुख्ता तैयारी के सरकार कटौती को आसान उपाय मान बैठती है और दिल्ली झेलती रहती है.

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