योगगुरु बाबा रामदेव के आंदोलन में शामिल होने के लिए शुक्रवार सुबह से ही रामलीला मैदान में उनके हजारों समर्थकों की भीड़ जुटी हुई है. समर्थकों का कहना है कि वे रामदेव के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को मजबूती देने के लिए यहां पहुंचे हैं. रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए ज्यादातर लोग लम्बे समय से रामदेव के अनुयायी है लेकिन अब वे देश में ऊंचे स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं.
आंदोलन स्थल पर पहुंचे ज्यादातर लोग मध्यम आयु वर्ग के हैं. अधिकतर लोगों ने रात भी यहीं बिताई. वे गुरुवार से तीन दिवसीय उपवास शुरू करने के लिए रामदेव से पहले ही यहां पहुंच गए. संयोग से गुरुवार को ही भारत छोड़ो आंदोलन की 70वीं वर्षगांठ थी.
उत्तराखण्ड से आर्य समाज के नेता धीर सिंह ने बताया कि योग टेलीविजन पर भी सीखा जा सकता है. हम यहां क्रांति के लिए आए हैं. हम सबने योग सीखने के लिए दिल्ली तक का रास्ता तय नहीं किया है.
रामदेव विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाना चाहते हैं. वह एक मजबूत लोकपाल विधेयक चाहते हैं. सीबीआई और निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता चाहते हैं. रामलीला मैदान में सुरक्षा की दृष्टि से सैकड़ों पुलिसकर्मी व त्वरित कार्रवाई बल सहित अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं.