सरकार ने जहां बाबा रामदेव के खिलाफ अपना रुख कड़ा कर लिया है, वहीं योगगुरु ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रामलीला मैदान पर हुई कार्रवाई के लिये माफ कर दिया है लेकिन इतिहास उन्हें उनके ‘राजनीतिक पाप’ के लिये कभी माफ नहीं करेगा.
रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पुलिस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. एक तरह से उन्होंने पाप होने की बात स्वीकार की है. चूंकि, वह पाप होने की बात स्वीकार कर चुके हैं, लिहाजा मैंने उन्हें माफ कर दिया है.’
अपना सत्याग्रह यहां जारी रख रहे योगगुरु ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत रूप से माफ कर दिया है लेकिन उन्होंने जो राजनीतिक पाप किया है, उसके लिये उन्हें सिर्फ भारत का ही नहीं पूरी दुनिया का इतिहास कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने लोकतंत्र को कलंकित किया है.’
सिंह की कल की टिप्पणी पर योगगुरु प्रतिक्रिया दे रहे थे. सिंह ने कहा था कि रामलीला मैदान पर हुई कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन इसका कोई विकल्प भी नहीं था.
बाबा रामदेव ने रामलीला मैदान से उनके महिलाओं की पोशाक पहनकर निकलने के बारे में कांग्रेस की टिप्पणी की भी निंदा करते हुए कहा कि मराठा शासक शिवाजी भी भेष बदलकर ऐसा किया करते थे.
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई राष्ट्र को बचाने के लिये अपनी जान बचाता है तो इसमें क्या गलत है. यहां तक कि शिवाजी ने अपनी जान बचाई थी. लेकिन इन लोगों ने शिवाजी को बतौर अपना आदर्श स्वीकार नहीं किया. उनका मकसद आतंकवादियों को बचाना और बाबा को मारना है.’
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कल कहा था, ‘कोई सत्याग्रही महिलाओं के कपड़े पहनकर नहीं भागता. सत्याग्रही हमेशा अपनी जान देने के लिये तैयार रहता है.’ रामदेव ने यह भी आरोप लगाया कि रामलीला मैदान पर उन्हें जान से मारने के लिये पांच तरह के षड्यंत्र थे.
उन्हें सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद रामलीला मैदान से जबर्दस्ती बाहर कर दिया गया था.
रामदेव ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान पर कार्रवाई के दौरान सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये. जो कैमरे बच गये, पुलिस अब उनके फुटेज इकट्ठे कर बर्बरता होने के सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे कार्यकर्ताओं को साजिश के तहत झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. पुलिस अब फुटेज को संपादित कर रही है और हमारे समर्थकों पर की गयी कार्रवाई के हिस्से हटा रही है.’ रामदेव ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने आंसू गैस के सैंकड़ों गोले दागे ताकि उनकी दम घुटने से मौत हो जाये. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उस दिन उनकी गला घोंटकर, मंच पर आग लगाकर और गोली मारकर हत्या करने की साजिश रची गयी हो.
योगगुरु ने कहा कि सरकार की उन पर आतंकवादी हमला होने का खतरा होने की दलील भी उन्हें रास्ते से हटाने की एक साजिश हो सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी दलील को सही बताने के लिये इस संबंध में एक ई-मेल भी बनवाया.