लीबिया में संघर्ष की स्थिति समाप्त किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए भारत ने वहां जारी गृह युद्ध की समाप्ति के लिए अफ्रीकी संघ के प्रयासों का समर्थन किया है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दूसरे अफ्रीका-भारत शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘लीबियाई संकट पर भी हमने विचार विमर्श किया. हम अफ्रीकी संघ द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं. हम लीबिया में अफ्रीकी संघ के रवैए का समर्थन करते हैं.’
शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद जारी घोषणापत्र में भी लीबियाई संकट का जिक्र किया गया है. संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लीबिया से संबंधित प्रस्ताव 1970, 1973 पर ध्यान दिया है. हमारा जोर है कि उन्हें प्रस्ताव की मूल भावना के अनुरूप लागू किया जाए.’
इसमें कहा गया है, ‘इस संबंध में हम लीबिया में सभी प्रकार के संघर्ष को तत्काल समाप्त किए जाने का आह्वान करते हैं तथा संघर्ष में शामिल सभी पक्षों से शांतिपूर्ण एवं बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान का अनुरोध करते हैं.’ घोषणा पत्र में कहा गया है कि ‘हम अफ्रीकी संघ उच्च स्तरीय अस्थायी समिति की पहलों तथा संघर्ष के शांतिपूर्ण और आम सहमति से हल के लिए अफ्रीकी संघ की रूपरेखा को समर्थन देते हैं.’ इसके पूर्व अफ्रीकी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल लीबिया गया था और उसने शांति योजना पर चर्चा की. लीबियाई सरकार ने शांति पहलों का स्वागत किया था लेकिन गद्दाफी विरोधी बलों ने इसे खारिज कर दिया था.