बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि वह अनशन के चलते अस्वस्थ नहीं हुए हैं बल्कि अपने ट्रस्टों के वित्तीय लेनदेन की जांच जैसे अन्य कारणों से बीमार हुए हैं.
लालू ने कहा कि यदि रामदेव राजनीति में आना चाहते हैं तो उन्हें अपने दम पर ऐसा करना चाहिए, संघ और भाजपा के इशारों पर नहीं.
उन्होंने कहा कि रामदेव कोई योगी या बाबा नहीं हैं, वह एक प्रशिक्षक हैं. वह बीमार लोगों का उपचार कर रहे थे यहां तक ठीक है लेकिन वह आरएसएस और संघ परिवार की योजना का शिकार हो गये, जिन्होंने एक तरह से उन्हें बर्बाद कर दिया. मेरी सहानुभूति उनके साथ है. वह एक गरीब परिवार से हैं.
लालू ने कहा कि मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आरएसएस और संघ परिवार ने उन्हें बर्बादी के कगार पर धकेल दिया है. उन्हें अब अपना अनशन तोड़ना चाहिए और अन्य लोगों के लिए योग अभ्यास फिर से शुरू करना चाहिए. यदि उन्हें राजनीति में आना है तो वह अपने दम पर आ सकते हैं. वह संघ और भाजपा की चाल में क्यों फंस रहे हैं.
रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान में हुई पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए लालू ने योगगुरू के मौके से निकल जाने के तरीके का भी मजाक उड़ाया.
लालू ने कहा कि वह अष्टांग योग सिखाने का दावा करते हैं लेकिन उस रात को पुलिस के आने के बाद उन्होंने कुदान (कूदने का) योग किया. संन्यासी डर गया. वह महिला की वेशभूषा में क्यों भागे. काले धन के खिलाफ रामदेव के आंदोलन पर राजद नेता ने कहा कि इस लड़ाई में रामदेव नये अवतार नहीं हैं और सरकार की जांच इस बात का खुलासा करेगी कि रामदेव के ट्रस्ट में किस तरह का धन लगा है.
राजद नेता ने अन्ना हजारे और रामदेव से बातचीत करने के केंद्र के तरीके पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने दोनों जगह गलती की है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा बनाने वाली संयुक्त समिति में समाज के सदस्यों को शामिल करने की मांग मानकर और बाबा की अगवानी के लिए मंत्रियों को हवाईअड्डे पर भेजकर गलती की है. राजद अध्यक्ष ने कहा कि विधेयक बनाना संसद का काम है.
उन्होंने कहा कि सरकार को अन्ना हजारे या रामदेव के समर्थकों से नहीं बल्कि सांसदों से बातचीत करनी चाहिए.
लालू ने यह भी कहा कि वह लोकपाल विधेयक के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार इसे लाए और इसे संसद में पारित किया जाए.
उन्होंने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि के पास भाजपा नेता सुषमा स्वराज के नृत्य की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है.