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सीएजी के काम की सराहना होनी चाहिए: प्रणब

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की समीक्षा के तरीके पर उठे विवाद के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि संस्थान अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह कर रहा था और हमें उसके कार्य की सराहना करनी चाहिए.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की समीक्षा के तरीके पर उठे विवाद के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि संस्थान अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह कर रहा था और हमें उसके कार्य की सराहना करनी चाहिए.

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मुखर्जी ने सीएजी की 150वीं सालगिरह के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा, 'हमें सीएजी के कार्य की सराहना करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि सीएजी ने अपनी जिम्मेदारी प्रभावी तरीके से निभाकर भ्रष्टाचार कम करने और सुशासन को आगे बढ़ाने में मदद की है.

उन्होंने कहा कि सीएजी ने लोकतंत्र के तीसरे खम्भे अथवा नौकरशाही को सही दिशा में रखने में भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि सरकार सीएजी की भूमिका को और प्रभावी बनाने के लिए सीएजी अधिनियम 1971 में सुधार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

उल्लेखनीय है कि सीएजी विनोद राय ने अपनी रिपोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही है, जबकि पूर्व ऑडिट महानिदेशक (डाक और दूरसंचार) आर.पी. सिंह ने कहा है कि नुकसान सिर्फ 2,645 करोड़ रुपये हुआ है.

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संसद की लोकलेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी पर मंगलवार को यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने रिपोर्ट जल्दी पूरी करने के लिए सीएजी पर दबाव बनाया था, जिसे सीएजी राय ने बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया.

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