चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने कहा है कि विश्व में चीन और भारत के विकसित होने की पर्याप्त गुंजाइश है और दोनों देशों को साझा हितों को विस्तार देने के अवसरों का लाभ उठाना चाहिये. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की वृहद भूमिका का समर्थन भी किया.
वेन ने भारतीय विदेश संबंध परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में दिये संबोधन में कहा, ‘‘एक अरब से अधिक की आबादी वाले तेजी से विकसित हो रहे देश के तौर पर भारत को अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिये और वह ऐसा कर सकता है.’’ बहरहाल, वेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता पर भारत की दावेदारी को पूर्ण समर्थन के बारे में कुछ नहीं कहा.
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर चीन और भारत के आपसी हित हैं और दोनों देश साझा विचार रखते हैं. हम दोनों का यह रुख है कि विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाये जाने को तरजीह दी जानी चाहिये.’’
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को इतिहास की देन करार देते हुए वेन ने कहा, ‘‘इस सवाल का पूरा जवाब ढूंढना आसान नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिये धैर्य की जरूरत है और इसमें काफी लंबा वक्त लग सकता है. ईमानदारी, आपसी विश्वास और धीरज के जरिये ही हम निष्पक्ष, तर्कसंगत और आपसी तौर पर स्वीकार्य समाधान ढूंढ सकते हैं.’’