महाराष्ट्र के सांगली जिले के नांदेड़ गांव में सोमवार को पुलिस गोलीबारी में एक किसान की मौत हो गई थी. इस पूरे मुद्दे पर सियासत गरमाती नजर आ रही है. एक ओर जहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने किसानों के हिंसक प्रदर्शन को गलत बताया वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार किसानों के हित के बारे में नहीं सोचती है.
गौरतलब है पश्चिम महाराष्ट्र के सांगली, सतारा और कोल्हापुर के सहकारी चीनी मिलों में इस मौसम में गन्ना की खरीद पर 3000 रूपये प्रति टन अग्रिम राशि के तौर पर दिए जाने से इंकार के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. मिल प्रति टन 2300 रूपये देने पर तैयार हो गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता राजू शेट्टी के आह्वान पर किसानों ने पश्चिमी महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़क जाम किया. उन्होंने बताया कि नांदेड़ गांव में किसानों के एक समूह ने पुलिस के एक दल को होटल में बंद करने का प्रयास किया जिसके बाद पुसि ने लाठीचार्ज किया और गोलीबारी की जिसमें चंद्रकांत नलावडे घायल हो गए.
राजकीय अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल ले जाने के दौरान घायल नलावडे की मौत हो गई. आंदोलन के दौरान सांगली जिले में पुलिस फायरिंग में एक किसान की हो गयी थी.
उसके परिवार वालों ने ये मांग की थी की इस घटना की जांच हो और उनको मुआवजा मिलना चाहिए. किसी ठोस आश्वासन के बिना उन्होंने डेड बॉडी लेने से इंकार किया था.
महाराष्ट्र के पुनर्वास मंत्री पतंगराव कदम ने कहा, 'हमने चंद्रकांत नलावडे के परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी ले ली है. जल्द ही उन्हें मुआवजा मिल जाएगा. हम मजिस्ट्रेट के जरिए इसकी जांच कराएंगे. ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है.ऐसी स्थिति में हम उनका साथ नहीं छोड़ रहे हैं.'
वहीं शरद पवार ने इस मुद्दे पर कहा, 'अगर राजू शेट्टी को वाकई में किसानों की चिंता है तो पहले अपने इलाके के कारखानों को बंद करवाए और बाद में दूसरे के इलाकों में जाए. खुद की दुकान चालू रखते हो और दूसरे की दुकान बंद करवाते हो ये कहां से ठीक है.'
शरद पवार की इस दुकानदारी पर मचे दंगल में कूदने के लिए अब दिल्ली से भी खिलाड़ी कूच करने वाले हैं. अरविंद केजरीवाल यरवदा जेल में बंद राजू शेट्टी से मिलने पुणे पहुंचने वाले हैं तो अन्ना हजारे ने भी राजू शेट्टी के समर्थन का एलान कर दिया है.
अन्ना हजारे ने कहा, 'राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार हो किसानों की भलाई नहीं सोच रही है. सरकार किसानों के हित में काम नहीं कर रही है. किसानों का जो प्रोडक्शन खर्चा है वो किसानों को दिया जाए.'
अन्ना ने आगे कहा, 'कृषि प्रधान भारत देश मे विदेशी कंपनियों को सरकार पूरी सुविधा देती है. गन्ने का आंदोलन किसानों की भलाई के लिए है और सरकार को ये लगता है की ये गलत है तो किसानों से बात करके इसका हल निकाले, गोली चलाना कहां तक सही है.'
किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस की कार्रवाई के बारे में अन्ना हजारे बोले, 'ये ठीक नहीं है. संविधान ने आंदोलन करने का अधिकार दिया है आंदोलन करना कोई पाप नहीं है लेकिन राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान ना किया जाए.'