भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने ‘टैक्स हैवन कंट्री’ स्विटजरलैण्ड द्वारा इस साल के शुरूआत में पारित कानून का हवाला देते हुए केन्द्र सरकार से पूछा है कि इसके तहत उसने अपने देश का जमा कालाधन वापस लाने के बारे में अब तक क्या किया है.
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उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि उसे ‘टैक्स हैवन कंट्रीज’ में कालाधन जमा करने वालों के कुछ नाम पता चले हैं, लेकिन वह उसे उजागर नहीं करेगी. उनकी मांग है कि विदेशों में कालाधन जमा कराने वालों का नाम सामने लाए जाएं और यह धन वापस लाने को लेकर उसके द्वारा अब तक उठाए गए कदमों पर संसद के शीतकालीन सत्र में ‘श्वेत पत्र’ लाया जाए.
आडवाणी ने कहा कि उनकी पार्टी विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के लिए कृतसंकल्प है और ऐसा होने पर देश के छह लाख गांवों में से एक भी विकास से अछूता नहीं रहेगा.
आडवाणी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जनचेतना यात्रा के चालीस दिन बाद देश में एक ऐसा वातावरण बनेगा, जिससे भ्रष्टाचार एवं महंगाई मिटाने और विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के अपने उद्देश्य में सफल होंगे. उन्होंने आगाह किया कि यदि इसमें केन्द्र सरकार आड़े आई तो उसे परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा.
उन्होंने कहा कि उनकी अब तक पांच देशव्यापी यात्राओं और इस छठवीं यात्रा के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि इसके लिए अपना सक्रिय सहयोग देने के लिए वरिष्ठ नेता अटलबिहारी वाजपेयी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यात्रा शुरू करने से पहले वह जब उनसे मिलने गए तो उन्होंने अपनी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया.
आडवाणी ने कहा कि विदेशों में देश का कितना कालाधन जमा है, जिसकी कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, मगर ‘ग्लोबल इंटीग्रिटी’ संस्था के अनुमान में कहा गया है कि यह लगभग ढाई लाख करोड़ रूपये है और स्विस बैंक एसोसिएशन ने इसकी पुष्टि भी की है. यह राशि समूचे विश्व के देशों की स्विस बैंकों में कुल जमा पूंजी से अधिक है.
इस अवसर पर उन्होंने आजकल इंटरनेट पर प्रचलित एक चुटकला सुनाते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि एक अध्यापक ने जब पूछा कि वेयर इज द कैपिटल आफ इंडिया? विद्यार्थी ने जवाब दिया कि स्विटजरलैण्ड. अंग्रेजी में ‘कैपिटल’ का एक मतलब ‘पूंजी’ भी होता है.
आडवाणी ने संप्रग सरकार के कार्यकाल के छह बड़े घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें अहम ‘नोट के बदले वोट’ घोटाला है, जिसमें संसद के अंदर भ्रष्टाचार उजागर करने वालों को ही सरकार ने जेल में डाल दिया है और आरोपी खुले आम घूम रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ‘नोट के बदले वोट’ मामला संसद में उजागर करने का नेतृत्व उन्होंने किया था. फिर यदि जेल ही भेजना है, तो सरकार को उन्हें जेल भेजना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका से परमाणु समझौते की वजह से संसद में विश्वास के संकट में आई मनमोहन सरकार, उन्नीस सांसदों के वोट की वजह से बच पाई थी, जिन्होंने अपनी पार्टी के बजाए कांग्रेस को वोट दिया था.
जनसभा को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश के सामने एक के बाद एक उजागर हो रहे घोटालों से निराश एवं हताश जनता में विश्वास बहाली के लिए आडवाणी की यह रथयात्रा सत्ता एवं व्यवस्था परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगी.
उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक दलों के प्रति उत्पन्न विश्वास के संकट से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को केन्द्र सरकार सहमति नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के प्रति कटिबद्ध हैं और इसे देश का अग्रणी प्रदेश बनाने में जुटे हुए हैं.
सभा को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर वरिष्ठ नेता अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, सुमित्रा महाजन, नरेन्द्र सिंह तोमर, सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, थावरचंद गहलोत, कप्तान सिंह सोलंकी, माया सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री बाबूलाल गौर, नरोत्तम मिश्र, उमाशंकर गुप्ता आदि उपस्थित थे.