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मिस्र में पिछले 18 दिन में क्‍या-क्‍या हुआ

मिस्र में बीते करीब दो हफ्तों के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते हुस्नी मुबारक को मिस्र के राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा है. इस दौरान हुए घटनाक्रम का सिलसिला इस प्रकार है:-

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मिस्र में बीते करीब दो हफ्तों के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते हुस्नी मुबारक को मिस्र के राष्ट्रपति पद से हटना पड़ा है. इस दौरान हुए घटनाक्रम का सिलसिला इस प्रकार है:-
25 जनवरी: मिस्र में प्रदर्शन भड़का. विभिन्न शहरों में हजारों लोग इंटरनेट पर चले अभियान के बाद विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए. काहिरा के तहरीर चौक पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अत्यधिक गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से आजिज आ चुके हैं.

28 जनवरी: अशांति और फैली. मुबारक ने काहिरा, अलेक्जांद्रिया और स्वेज में कर्फ्यू घोषित किया. सेना की तैनाती की गयी. मुबारक ने अपनी कैबिनेट बर्खास्‍त करते हुए कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की शिकायतों को समझते हैं. लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया.

29 जनवरी: मुबारक ने अपने खुफिया प्रमुख उमर सुलेमान को उप राष्ट्रपति पद पर नियुक्त किया. उड्डयन मंत्री अहमद शफीक प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये.
31 जनवरी: मिस्र की सेना ने कहा कि वह ‘जनता के वैध अधिकारों’ को मानती है और उनके खिलाफ बल प्रयोग नहीं करेगी.

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1 फरवरी: प्रदर्शनकारियों, नेताओं के ‘मार्च ऑफ ए मिलियन’ (10 लाख लोगों की रैली) के आह्वान के बाद काहिरा तथा अन्य शहरों में बड़ी रैलियां. टेलीविजन पर जारी संदेश में मुबारक ने ऐलान किया कि वह सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के बाद सत्ता छोड़ेंगे.{mospagebreak}

मुबारक ने संवैधानिक सुधार लाने का वादा किया लेकिन कहा कि अपने उत्ताधिकारी तक सत्ता का हस्तांतरण सुव्यवस्थित तरीके से हो, यह सुनिश्चित कराने के लिये उन्हें पद पर बने रहना होगा. प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति चार फरवरी तक पद छोड़ें.

2 फरवरी: सेना का प्रदर्शनकारियों से घर वापस लौट जाने का अनुरोध. सेना ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि उनका संदेश सुना जा चुका है. मुबारक विरोधी तथा मुबारक समर्थकों के बीच झड़प हुई. मुबारक समर्थकों ने तहरीर चौक पर प्रवेश करने का संगठित प्रयास किया.
3 फरवरी:  सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों की सरकार के भरोसेमंद लोगों के साथ एक बार फिर झड़प.

4 फरवरी: भारी भीड़ एक बार फिर तहरीर चौक पर जमा. प्रदर्शनकारी नेताओं ने राष्ट्रपति मुबारक के लिये ‘रवानगी का दिन’ तय किया.

5 फरवरी: सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व का सामूहिक इस्तीफा. इस्तीफा देने वालों में राष्ट्रपति के पुत्र गमाल मुबारक भी शामिल.

10 फरवरी: सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा कि मुबारक पद से हटेंगे. लेकिन मुबारक ने टेलीविजन पर जारी एक और संदेश में प्रदर्शनकारियों को चौंकाते हुए कहा कि वह सितंबर में होने वाले चुनाव तक पद पर बने रहेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अपनी शक्तियां उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान को सौंप देंगे.

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11 फरवरी: मुबारक का विरोध प्रदर्शन के 18वें दिन इस्तीफा. वह शर्म अल शेख के लाल सागर रिजोर्ट पर पहुंचे जो छुट्टियां मनाने की उनकी पसंदीदा जगह है. सुलेमान ने घोषणा की कि मुबारक तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.

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