रविवार को जब राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभी आमंत्रित अतिथि बगल के एक हॉल में गपशप और अल्पाहार के लिए एकत्र हुए, तभी राहुल गांधी से ये पूछने पर कि इस फेरबदल में उनकी क्या भूमिका रही, वह बगलें झांकने लगे. आखिर में उन्होंने पत्रकारों से कह ही दिया, 'कृपया मुझे अकेला छोड़ दें'.
लगता है भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखे जा रहे राहुल गांधी बयानबाजी के इस दौर में शायद मौन धारण करना ही बेहतर समझते हैं. सफेद कुर्ता-पाजामा पहने राहुल अपने तथाकथित दोस्तों के साथ बातचीत में मशगूल पाए गए. वह मिलिंद देवड़ा, सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया जोशीले ढंग से वार्तालाप में तल्लीन थे. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा भी अपने बगलगीर के साथ कानाफूसी करते देखे गए.
थोड़ी-थोड़ी देर पर कई कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी से हाथ मिलाने आ जाते थे. लेकिन बड़ी संख्या मं जुटे पत्रकारों के लिए उनके पास चुप्पी के सिवा कुछ नहीं था. सवाल पूछने पर राहुल को पत्रकारों से कहना पड़ा, 'कृपया मुझे अकेला छोड़ दें'.
वाड्रा पर सवालों को टाल गईं सोनिया
सबकी नजरें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी थी. पत्रकारों ने सोनिया की टिप्पणी लेने के लिए कई चाल चली, लेकिन उन्हें उनकी मुस्कुराहट के अलावा कुछ मिला तो वह कुछ मिठाइयां थी. जब उनसे पार्टी में सुधार के बारे में पूछा गया तो उम्मीद थी कि वह इस पर कुछ बोलेंगी, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा, 'पहले इस एक्सरसाइज को खत्म हो जाने दीजिए'. जब एक पत्रकार ने भूमि सौदों में कुछ गड़बड़ियों के आरोपी रहे उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा के बारे में पूछने का दुस्साहस किया तो हमेशा की तरह वह चुप रहीं.
हिंदी बोलकर चौंकाया
अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस सांसद निनोंग ईरिंग ने अल्पसंख्यक मामले के राज्यमंत्री के रूप में शुद्ध हिंदी में शपथ लेकर सबको चौंका दिया. दर्शकों में से किसी ने कहा कि इन्हें तो सौहार्द मिशन पर चीन भेजा जाना चाहिए. दरअसल, चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसके अधिकार क्षेत्र में है. भारत हालांकि बार-बार उसके इस दावे को दृढ़तापूर्वक खारिज करता रहा है.