अपनी वेबसाइट पर 'देशद्रोही' सामग्री छापने के आरोप में कानपुर के रहने वाले कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को 16 सितंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. यहां जानते हैं उनके बारे में...
असीम त्रिवेदी जाने-माने राजनीतिक कार्टूनिस्ट और कार्यकर्ता हैं. वो पिछले काफी लंबे समय से राजनीतिक विषयों पर कार्टून बनाते रहे हैं. वह इंटरनेट पर भी सेंसरशिप के खिलाफ़ सक्रिय रहे हैं.
पिछले साल अन्ना के आंदोलन से अपनी यात्रा शुरू करने वाले असीम के कार्टूनों ने देश में भ्रष्टाचारियों को परेशान कर रखा है. जब-जब सरकार की तरफ से लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला हुआ उन्होंने आंदोलन छेड़ा. .
इस साल मार्च महीने में उन्होंने और उनके साथियों ने पहली अप्रैल यानि 'फूल्स डे' को दूर संचार मंत्री कपिल सिब्बल को समर्पित करने की मुहिम छेड़ी थी.
अपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ‘कार्टूंस अगेंस्ट करप्शन’ के लिए जाने जाने वाले असीम सेव ऑवर वॉयस के संस्थापक सदस्य भी हैं. उन्हें कार्टूनिस्ट्स राइट्स नेटवर्क इंटरनेशनल यानी CRNI की तरफ से करेज इन एडिटोरियल कार्टूनिंग अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है.
असीम के कार्टून मुंबई में अन्ना के अनशन के दौरान MMRDA ग्राउंड में भी दिखाए गए. मुंबई के एक वकील और कांग्रेस नेता आरपी पांडे ने इन कार्टूनों की मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच से शिकायत की, जिसके बाद असीम की वेबसाइट पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
इसके बाद असीम अपने सभी कार्टून एक ब्लॉग पर डाल दिए. उनके कार्टूनों को लेकर राज्यसभा में भी काफी हंगामा हुआ.
प्रेस काउंसिल के चेयरमैन मार्कंडेय काटजू ने असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया है. काटजू ने असीम का बचाव करते हुए कहा कि असीम ने कुछ भी गैरकानूनी काम नहीं किया है. काटजू ने कहा कि मेरे विचार से कार्टूनिस्ट ने कुछ भी गलत नहीं किया. लोकतंत्र में कई बातें कही जाती हैं. कुछ सही होती हैं कुछ गलत.