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आखिर क्‍यों नहीं जुटे अन्‍ना के अनशन में लोग?

अन्‍ना ने अनशन खत्‍म करने की घोषणा करने के साथ ही आगे के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. कहा जा रहा है कि खराब स्वास्थ्य को देखते हुए अन्ना हजारे ने अपना अनशन दूसरे दिन ही तोड़ दिया. क्‍या यह आंदोलन का अंत है या एक नई शुरूआत के लिए अल्‍प विराम है.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

अन्‍ना ने अनशन खत्‍म करने की घोषणा करने के साथ ही आगे के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. अब सोनिया गांधी के घर के आगे धरना नहीं होगा और ना ही जेल भरो अभियान चलाया जाएगा. क्‍या यह आंदोलन का अंत है या एक नई शुरूआत के लिए अल्‍प विराम है!

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कहा जा रहा है कि खराब स्वास्थ्य को देखते हुए अन्ना हजारे ने अपना अनशन दूसरे दिन ही तोड़ दिया. यह अनशन तीन दिनों तक चलने वाला था. कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि भीड़ नहीं जुटने और और अपेक्षित समर्थन नहीं मिलने की वजह से टीम अन्‍ना ने अनशन समाप्‍त करने का फैसला किया.

जब अन्‍ना मंच से लोगों को संबोधित कर रहे थे तब उनके चेहरे पर निराशा और गुस्‍सा साफ झलक रहा था. ऐसा लग रहा था कि कहीं न कहीं उनके मन में इस बात की टीस थी कि सरकार और अन्‍य राजनीतिक पार्टियों ने तमाम वादे तो जरूर किए लेकिन हर बार धोखा ही दिया.

अन्‍ना के भाषण से ऐसा लग रहा है कि टीम अन्‍ना अब अपनी रणनीति में व्‍यापक बदलाव करने जा रही है क्‍योंकि इस अनशन में लोगों का नहीं जुटना कहीं ना कहीं उनकी रणनीति में खामी को दर्शाता है. अन्‍ना ने कहा है कि वो 5 राज्‍यों के आगामी विधानसभा चुनवों में जनलोकपाल बिल का समर्थन नहीं करने वालों के खिलाफ प्रचार करेंगे और लोगों से अपील करेंगे कि वो ऐसे लोगों को वोट ना दें.

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अन्‍ना ने यह भी कहा कि अगले संसदीय चुनाव में अभी 2 वर्ष का समय है. अगले 2 वर्ष में अन्‍ना देश के अलग-अलग हिस्‍सों का दौरा करेंगे और मतदाताओं को जागरुक करेंगे. अब ये देखना दिलचस्‍प होगा कि अन्‍ना का यह भ्रष्‍टचार विरोधी आंदोलन कौन सी दिशा अख्तियार करता है.

इसी मसले पर आजतक ने फेसबुक पर भी लोगों की राय जाननी चाही जिसपर लोगों ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी. प्रस्‍तुत है आपकी भेजी गई कुछ प्रतिक्रियाएं:

Ashu Poply: this is the worse political step back.

Dinesh Wadera: Soniya Gandhi Q? agar dharna dena hai to BJP k leaders k ghar k samne do. Sara khel BJP ne to bighada hai desh ko dhoka dekar.

Nitin Trivedi: ye desh ki haar hai.

Mukesh Kumar: ab kya hua?

Ashok Sharma:  mumbai vasio doob maro

Puneet Sharma: even gandhi ji called of many movements due to less support so a good decision.

Nikunj Shah: YE TO BREAK HAI PICTURE TO ABHI BAKI HAI.

Swapnil Ekonkar: sahi kiya anna ne ye aane wale tufaan ke pehle ka sannata hai.

Karan Dhiman: Anna ji you can't back your steps. it would be a cheat to india if u leave the struggle. so come back again for the demand of best LOKPAL.we need it.

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अकरम पठान: जब देखने वाले ही नहीं तो मदारी क्‍या दिखाएगा.

सौरभ शुक्‍ला: अन्‍ना जी, आपका स्‍वास्‍थ्‍य ज्‍यादा जरूरी था और थैंक्‍स कि आपने अनशन खत्‍म कर दिया. हम सब आपके साथ हैं और हम एक नई शुरुआत करेंगे.

पवन लाढा: अन्‍ना जी का फैसला सही है और अब इस जंग की शुरुआत यूपी चुनवों से की जाएगी.

सतीश धर द्विवेदी: यह लोकपाल के लिए अन्‍ना के आंदोलन का अंत नहीं है, यह भ्रष्‍टाचार के खिलाफ नई क्रांति की शुरुआत है. हर भारतीय को अन्‍ना के मिशन का समर्थन करना चाहिए.

पुनीत शर्मा: गांधी जी ने भी कम समर्थन की वजह से कई आंदोलनों का आह्वान किया था.

अन्‍य प्रतिक्रियाएं पढ़ने के लिए क्लिक करें http://www.facebook.com/aajtak

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