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सरकार को भी नहीं पता, बापू कब बने 'राष्ट्रपिता'

कक्षा छह की छात्रा ऐश्वर्या पाराशर ने गत 13 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को भेजी गयी अर्जी में उस आदेश की फोटोप्रति मांगी थी, जिसके आधार पर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्ज दिया गया है.

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महात्मा गांधी
महात्मा गांधी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ की रहने वाली 10 साल की एक लड़की की सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के जानकारी मांगने के लिये दाखिल अर्जी ने सरकार के लिये मुश्किल खड़ी कर दी है.

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कक्षा छह की छात्रा ऐश्वर्या पाराशर ने गत 13 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को भेजी गयी अर्जी में उस आदेश की फोटोप्रति मांगी थी, जिसके आधार पर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्ज दिया गया है.

इस सवाल ने सरकार के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है और इस प्रश्न पर सरकार ने हाथ खड़े कर दिये हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऐश्वर्या की अर्जी को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया, जिसने यह कहा गया कि इस सवाल का जवाब देना उसकी जिम्मेदारी नहीं है और पत्र को राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास भेज दिया गया.

अभिलेखागार द्वारा आरटीआई दाखिल करने वाली ऐश्वर्या को हाल में भेजे जवाब में कहा कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिये जाने के समर्थन में कोई दस्तावेज मौजूद नहीं है.

अभिलेखागार की सहायक निदेशक जयप्रभा रवीन्द्रन ने ऐश्वर्या को लिखे पत्र में कहा है कि अभिलेखागार में महात्मा गांधी से जुड़े अनेक रिकार्ड मौजूद हैं, लेकिन तमाम दस्तावेज खंगालने के बाद वांछित सूचना के सम्बन्ध में कोई दस्तावेज नहीं मिल सका है.

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