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हज़ारे के अनशन की शर्तों पर मनमोहन दखल क्यों नहीं देते: भाजपा

भाजपा ने अन्ना हज़ारे के प्रस्तावित अनशन के लिये लगायी गयी शर्तों को ‘मौलिक अधिकारों का हनन’ करार देते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं करते.

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भाजपा ने अन्ना हज़ारे के प्रस्तावित अनशन के लिये लगायी गयी शर्तों को ‘मौलिक अधिकारों का हनन’ करार देते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं करते.

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘विचारों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन हर किसी को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है. अन्ना हज़ारे के अनशन के लिये लगायी गयी शर्तें हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हैं. यह भाषण की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. जब मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है तो प्रधानमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं करते.’

16 अगस्त से प्रस्तावित अनशन के लिये दिल्ली पुलिस की लगायी गयी शर्तों पर मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप करने की हज़ारे की मांग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधीवादी कार्यकर्ता की शिकायतों पर वह वैधानिक प्राधिकार गौर करेगा, जिसने फैसला किया है. उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय निर्णय करने की प्रक्रिया में किसी भी तरह से शामिल नहीं है.

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दिल्ली पुलिस ने एक शर्त यह रखी है कि हज़ारे का विरोध प्रदर्शन अधिकतम तीन दिन का होगा और उसमें पांच हजार से अधिक लोग इकट्ठे नहीं होने चाहिये.

गडकरी ने कहा कि योगगुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान पर पुलिस कार्रवाई और हाल ही में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के बाद हज़ारे के अनशन पर शर्तें लगाना आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है.

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