परमाणु डील पर विश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए क्या मनमोहन सरकार ने वोट खरीदे थे? विकिलीक्स के एक खुलासे के बाद उठे इस सवाल से सियासत में हड़कंप मच गया है.
खबर है कि अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोकदल को कांग्रेस की तरफ से पैसे दिए गए थे. हालांकि अजित सिंह ने इस खुलासे को यह कहते हुए खारिज का दिया है कि उनकी पार्टी के पास तो उस वक्त सिर्फ 3 सदस्य थे. खुलासे में 4 का जिक्र है.
विकिलीक्स के मुताबिक कैप्टन सतीश शर्मा के सहयोगी नचिकेता कपूर ने अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी को बताया था कि आएलडी के चार सांसदों को इसके लिए 40 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
जुलाई 2008 में संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश होने के ठीक 5 दिन पहले कपूर ने ये जानकारी दी थी और उन्होंने 2 बैग भी दिखाए थे. बताया गया था कि इसके अंदर पैसा है और वोट खरीदने के लिए कांग्रेस ने 50 से 60 करोड़ रुपये जुटा रखे हैं.
खुलासे के मुताबिक अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने कैप्टन सतीश शर्मा से मुलाकात की थी और शर्मा ने बताया था कि कोशिश अकाली दल का वोट खरीदने की भी हुई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद इसके लिए संत सिंह चटवाल के जरिये कोशिश की, लेकिन कामयाबी मिली नहीं.{mospagebreak}
गौरतलब है कि परमाणु करार का भारी विरोध होने पर 22 जुलाई, 2008 को मनमोहन सरकार ने संसद में विश्वास मत पेश किया था. सरकार विश्वास मत जीत गई थी, लेकिन कुछ पार्टियों ने खुद को वोट से अलग रखा था, जिसमें अजित सिंह की पार्टी भी थी.