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आजतक पर स्विस बैंक के खातों का कच्चा चिट्ठा...

विकिलीक्स के कर्ताधर्ता जूलियन असांज के बाद अब सुर्खियों में है एक नया नाम वो हैं रुडोल्फ एल्मर. रुडोल्फ वही शख्स हैं जिन्होने स्विट्जलैंड के बैंकों के 2000 खातों की एक सीडी असांज को दी है और उन्हीं रुडोल्फ एल्मर ने ये सीडी आजतक को भी दी है.

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विकिलीक्स के कर्ताधर्ता जूलियन असांज के बाद अब सुर्खियों में है एक नया नाम वो हैं रुडोल्फ एल्मर. रुडोल्फ वही शख्स हैं जिन्होने स्विट्जलैंड के बैंकों के 2000 खातों की एक सीडी असांज को दी है और उन्हीं रुडोल्फ एल्मर ने ये सीडी आजतक को भी दी है. यानी उन तमाम खातों की जानकारी आजतक के पास भी है जो कुछ दिनों बाद विकिलीक्स पर होगी. इस सीडी में मौजूद हैं कुछ एसे नाम जो भारतीय भी हो सकते हैं.

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आजतक की इन्वेटिगेटिव टीम ने इन खातों की जांच में कुछ खास बातों को नोट किया. नंबर 1- एसा बहुत कम दिखा कि कोई खाता किसी निजी नाम पर या असली नाम पर हो. यानी ज्यादतर नाम और पते फर्जी. नंबर 2- ज्यादातर खाते किसी ना किसी कंपनी या शख्स के लिए फ्रंट यानी फर्जी कंपनी के नाम पर हैं ताकि पकड़ पाना मुश्किल हो. नंबर 3- अगर कंपनियों के पते पर नजर डालें तो बहुत सी कंपनियों के दफ्तर टैक्स हेवन माने जाने वाले केमन आईलैड में हैं.

अब आप ये जानना चाहेंगे की ये पूरा खेल खेला कैसे जाता है. आखिर ये किसी सरकारी बैंक का मामूली बचत खाता नही है. लाखों करोंडों का हेरफेर है, एक देश से दूसरे देश में कैसे होता है इतनी बड़ी रकम का ट्रांसफर. {mospagebreak}

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सीडी में जिन खातों की जानकारी थी उसमें अरबों रुपए के लेनदेन का ब्यौरा था. सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर इतने भारी भरकम लेनदेन का पूरा तलिस्म रचा कैसे जाता है. इसकी भी जानकारी दी जूलियस बेयर बैंक के पूर्व सीओओ रुडोल्फ एल्मर ने. एलमर की माने तो जुलियस बेयर बैंक के पूर्व कर्मचारी खाताधारकों और बैंक के बीच में कड़ी का काम करते हैं. ये लोग बैंक में अकाउंट खुलवाते हैं औऱ वहां के म्‍यूचुअल फंड में निवेश के जरिए पैसा जमा करवाते हैं.

एलमर की बातों को सीधी साधी भाषा में समझने के लिए आजतक ने एक चार्टड अकाउंटेंट की मदद ली जिससे पता चला कि कितनी सफाई से पुराने खाते और कंपनियां बंद कर दी जाती हैं और नए खातों में पैसा ट्रांसफर होता जाता है. जाहिर है जांच एजेंसियों के लिए इन खातों को चालाने वाले लोगों तक पहुंचना आसान नहीं. और तो और बैंक के नियमों में एसे प्रवाधान हैं कि असली खाताधारक का नाम कभी पता ही नहीं चल पाता, अगर किसी कंपनी की शेयर कैपिटल 20 हजार डॉलर से कम है तो खाताधारक के नाम बताने की जरूरत नहीं होती. {mospagebreak}

एल्मर की सीडी में दुनिया के कई देशों के लोगों के खातों का कच्चा-चिट्ठा है. विकिलीक्स के असांज ने तो ट्विटर पर ये तक कह दिया है कि इन में कई भारतीय और पाकिस्तानी नेताओं के खाते भी हैं जिन्हें वो अपनी वेबसाइट पर डालेंगे. इनका खुलासा आने वाले दो हफ्तों में हो सकता है.

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उधर जूलियस बेयर एंड कंपनी लिमिटेड ने कहा है कि एल्मर को साल 2002 में बैंक से निकाल दिया गया था. उन्होंने जो भी डेटा बैंक से चुराए होंगे वो साल 2002 के पहले के होंगे. बैंक का दावा है कि तब से अबतक कई बार ऐल्मर बैंक के डेटा सार्वजनिक कर चुके हैं उनमें कई दस्तावेज़ गलत और फर्जी पाये गए थे.

आजतक भी अकेले इसकी जांच नहीं कर सकता कि ये दस्तावेज़ सही है या नहीं. लेकिन सरकार चाहे तो काफी कुछ कर सकती है क्योंकि अब उनलोगों के नाम और खाते नंबर भी उजागर हुए हैं जिन्होंने स्विस बैंक में अरबों रुपए जमा कराए हैं.

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