प्याज की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के मकसद से पाकिस्तान से आयातित प्याज ‘अलग’ स्वाद के कारण ग्राहकों को आकर्षित नहीं कर पाया है और बड़ी मात्रा में प्याज बाजार में पड़ा है.
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) के सूत्रों ने बताया, ‘पाकिस्तान से आयातित प्याज को लेकर लोगों ने ज्यादा रूचि नहीं दिखायी. इसे अब खुली नीलामी के लिये रखा गया है.’ उन्होंने कहा, ‘केवल कुछ होटलों ने 200 से 250 ग्राम के बड़े आकार के प्याज को लेकर रूचि दिखायी है.’ सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान से अबतक 800 टन प्याज आया है. इसे पिछले 10 दिनों में खुली नीलामी के लिये रखा गया है. 300 टन प्याज नहीं बिक पाया है.
पाकिस्तान से आयातित प्याज गुजरात के मूंदड़ा बंदरगाह से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने पर नाफेड को सौंपा गया था.
दिसंबर के अंतिम सप्ताह खुदरा बाजार में प्याज का भाव 70 से 80 रुपये किलो पहुंचने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पीईसी और एसटीसी ने बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के इरादे से पाकिस्तान से 1,000 टन प्याज खरीदने का सौदा किया था.
नाफेड सूत्रों ने कहा कि 1,000 टन में से 800 टन प्याज राष्ट्रीय राजधानी में आ चुका है. शेष 200 टन प्याज जल्दी ही आ जाएगा.{mospagebreak}
सस्ती दर पर बेचने के लिये आयातित प्याज में से बड़ा हिस्सा नाफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को सौंपा गया था. शेष भंडार खुली नीलामी के लिये रखा गया था.
राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) के चेयरमैन वीरेंद्र सिंह ने कहा कि एजेंसी को पाकिस्तान से आयातित प्याज के कारण नुकसान हुआ है और उसने अब इसे खरीदना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘एनसीसीएफ ने दिल्ली में सस्ती दर पर प्याज बेचने के लिये 80 क्विंटल की खरीदारी की थी. लेकिन इसको लेकर ग्राहकों ने कम रूचि दिखायी. नुकसान को देखते हुए हमने अब प्याज खरीदना बंद कर दिया है.’ उन्होंने कहा कि मदर डेयरी ने भी पाकिस्तान से आयातित प्याज लेने से मना कर दिया है. मदर डेयरी के दिल्ली में 300 खुदरा बिक्री केंद्र हैं.
सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार घरेलू प्याज खरीदने को लेकर 30 फीसद सब्सिडी देती है लेकिन पाकिस्तानी प्याज के मामले में ऐसी सुविधा नहीं है.
पीईसी सूत्रों ने भी कहा कि पाकिस्तान से आयातित प्याज से एजेंसी को नुकसान हुआ है. एजेंसी ने 658 अमेरिकी डालर (लगभग 30,268 रुपये) प्रति टन पर सौदा किया था. आजादपुर मंडी में प्याज व्यापारी संघ के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पाकिस्तानी प्याज ‘मोटा’ है और उसके ‘अलग’ स्वाद के कारण ग्राहक उसे पसंद नहीं कर रहे हैं.