कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के परिजनों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के सबूत हैं लेकिन कांग्रेस कभी उन्हें परेशान करने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करेगी.
दिग्जिवय सिंह ने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को जमीन के सौदों में अनुचित फायदे देने के लिए वाड्रा, डीएलएफ और हरियाणा की कांग्रेस सरकार के बीच सांठगांठ के आरोपों को भी खारिज कर दिया.
सोनिया का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वह वाड्रा की ‘चार्टर्ड एकाउंटेंट’ नहीं हैं जो उनकी बढ़ती संपत्ति का हिसाब रखें.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘राजग सरकार के दौरान अनेक चीजें सामने आईं. लेकिन केवल मैं ही नहीं, क्या कांग्रेस पार्टी ने कभी उनका इस्तेमाल किया. हम कभी इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे. अगर मैं कहूं कि मेरे पास ये (वाजपेयी और आडवाणी के परिजनों के खिलाफ सबूत) नहीं हैं तो यह सही नहीं होगा.’ कांग्रेस महासचिव से उनके इसी बयान के बारे में सवाल पूछा गया था कि उनके पास वाजपेयी और आडवाणी के रिश्तेदारों के खिलाफ सबूत हैं.
सिंह ने सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि उनके पास जो साक्ष्य हैं उनसे भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगाये जा सकते हैं और दोनों वरिष्ठ नेताओं के लिए यह शर्मिंदगी की बात होगी.
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा, ‘नेता इंसान होते हैं. हम भगवान नहीं हैं. हम अपने अनगिनत रिश्तों पर नजर या रोकथाम नहीं रख सकते.’
जब सिंह से पूछा गया कि वह वाजपेयी और आडवाणी के रिश्तेदारों के खिलाफ सबूतों को उजागर क्यों नहीं कर रहे तो उन्होंने कहा, ‘मैं शिकायती क्यों बनूं.’ सिंह के मुताबिक इस तरह के मामलों को देखने के लिए अनेक प्राधिकार हैं और संसद है.
वाड्रा के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि डीएलएफ-वाड्रा जमीन सौदों को लेकर लगाये गये आरोप सही नहीं हैं.
जब दिग्विजय सिंह से सवाल किया गया कि क्या सोनिया को वाड्रा की बढ़ती संपत्ति की जानकारी थी और क्या उन्होंने कभी इस पर सवाल किया तो सिंह ने कहा कि क्या ‘दामाद के खातों का हिसाब रखने का काम भी सास का है.’
उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी राबर्ट वाड्रा की चार्टर्ड एकाउंटेंट नहीं हैं.’
उन्होंने कहा कि क्या सोनिया गांधी ने कभी वाड्रा के बारे में मुख्यमंत्री या मंत्रियों से बातचीत की है? आप सोनिया गांधी पर उस काम के लिए निशाना नहीं साध सकते जो उन्होंने किया ही नहीं.
सिंह ने कहा, ‘मैं नेता हूं. लेकिन मेरे रिश्तेदार क्या करते हैं वो देखना मेरा काम नहीं है.’ दिग्विजय के अनुसार उनके भी चार बेटियां-दामाद हैं लेकिन वे क्या कर रहे हैं इससे उन्हें मतलब नहीं है.
डीएलएफ और वाड्रा के बीच जमीन सौदों को लेकर बार-बार पूछे गये सवालों पर सिंह ने कहा कि इसका जवाब डीएलएफ को देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी इसमें कहां से आ गयीं.’
वाड्रा की शादी गांधी परिवार में होने के बाद उनकी संपत्ति में तेजी से इजाफा होने के सवाल पर सिंह ने कहा, ‘अगर किसी ने 10 साल पहले हरियाणा में जमीन खरीदी तो इसकी कीमत अब 100 गुना बढ़ गयी होगी.’
उन्होंने कहा कि वाड्रा एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं और ऐसा नहीं है कि प्रियंका गांधी से शादी करने से पहले उनके पास कोई संपत्ति नहीं थी. सिंह ने इन धारणाओं को भी खारिज किया कि हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का तबादला आनन फानन में इसलिए कर दिया गया क्योंकि उन्होंने वाड्रा के जमीन सौदों की जांच शुरू कर दी.
उन्होंने कहा, ‘क्या वाड्रा ने खेमका के खिलाफ शिकायत की. मुख्य सचिव ने खेमका को बुलाया और खेमका ने कहा कि वह पूरी तरह संतुष्ट हैं.’
वाड्रा के ‘मैंगो मैन इन बनाना रिपब्लिक’ संबंधी विवादास्पद बयान के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि पहला शब्द ‘आम आदमी’ का शाब्दिक अनुवाद है और इसमें बहुत हास्यबोध हैय लेकिन उन्होंने माना कि दूसरे शब्द (बनाना रिपब्लिक) का इस्तेमाल सही नहीं है.
दिग्विजय ने इन धारणाओं को भी दरकिनार कर दिया कि वाड्रा मामले से कांग्रेस और गांधी परिवार की छवि को नुकसान पहुंचा है.
उन्होंने कहा कि डीएलएफ और हरियाणा सरकार ने आरोपों पर बिंदुवार तथ्य पेश किये हैं.