प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि कमजोर विश्व अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने की जरूरत है और इसमें सुधार सुनिश्चित करने के लिये सहायता में कटौती नहीं की जानी चाहिये.
मनमोहन ने टोरंटो स्टार समाचार पत्र को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘जी-20 का उद्देश्य होना चाहिये कि अर्थव्यवस्था में सुधार की गति बनी रहे और आने वाले वर्षों में और बढ़ाया जाये.’’ उन्होंने कहा कि विश्व की बड़ी और उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले जी-20 देशों को अर्थव्यवस्था में सतत सुधार समन्वित नीति के जरिये काम करना चाहिये.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन इस वक्त मेरा मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष मुद्रास्फीति से ज्यादा खतरा अवस्फीति से है. मेरा अपना मानना है कि प्रोत्साहन पैकेज को जल्द खत्म करने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरा होगा.’’{mospagebreak}मनमोहन ने कनाडा में ‘सिख चरमपंथ’ फैलने की शिकायत करते हुये आरोप लगाया कि यहां के सिख चरमपंथियों का आतंकवादियों से संबंध है. मनमोहन ने कहा कि वह इस मसले को कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के साथ उठायेंगे. उन्होंने सलाह दी कि कनाडा और अन्य नाटो सदस्यों को अगले साल अफगानिस्तान नहीं छोड़ना चाहिये.