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जसवंत सिंह ने राजा, कनिमोझी को जेल में रखने पर उठाए सवाल

पार्टी से अलग रूख व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोप में ए राजा और कनिमोझी को जमानत नहीं देने और जेल में रखने पर सवाल उठाया.

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पार्टी से अलग रूख व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोप में ए राजा और कनिमोझी को जमानत नहीं देने और जेल में रखने पर सवाल उठाया. जांच में हस्तक्षेप कर सकने के तर्क पर उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि जब मामले की सुनवाई चल रही हो तो वे ऐसा कैसे कर सकते हैं. भाजपा ने हालांकि उनके इस बयान पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह सिंह की निजी राय हो सकती है.

राजा और कनिमोझी की रिहाई की वकालत करते हुए उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, पार्टी की नहीं. उन्होंने साथ ही कहा कि पार्टी ने भी दोनों को स्थायी रूप से जेल में रखने की बात नहीं की है, बल्कि दोषियों को दंडित किये जाने की मांग की है.

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सिंह ने एक बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि 2जी मामले की जांच चलने तक पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई एवं वरिष्ठ दूरसंचार अधिकारियों को जेल में रखा जाना चाहिए, सिंह ने पलट कर कहा कि उन्हें वहां क्यों रहना चाहिए और वे किस तरह से जांच में हस्तक्षेप करेंगे.

उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि मैं शौकिया तौर पर या प्रशिक्षण से कोई न्यायविद या वकील नहीं हूं. मैं समझता हूं कि किसी पर आरोप लगे हैं और यह आरोप डकैती या हत्या जैसे जघन्य नहीं हैं. भाजपा नेता ने कहा कि जब सुनवाई चल रही है, तो आप किसी को जेल में नहीं रख सकते क्योंकि आप स्थायी तौर पर जमानत से इंकार नहीं कर सकते हैं.

सिंह ने कहा कि जमानत अपने आप में नागरिकों का अधिकार है जब तक कि उसे ऐसे अपराध के लिए दोषी नहीं ठहरा दिया जाता जिसमें जमानत की इजाजत नहीं हो. उन्होंने कहा कि अदालतों ने इस तरह के मामलों पर फैसले दिये हैं.

भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने सिंह के इस रूख पर कोई टिप्पणी करने से इंकार करते हुए केवल इतना कहा कि यह जसवंत सिंह के अपने निजी विचार हो सकते हैं.

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यह पूछे जाने पर कि क्या इस प्रकार की बड़ी कारपोरेट खबर से भारत की छवि प्रभावित हो रही है, सिंह ने कहा कि निश्चित और अवश्यंभावी तौर पर हो रही है. मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री ने इसका उल्लेख किया है, जैसे-जैसे निराशवाद बढ़ेगा, निवेश कम होता जायेगा. मैं समझता हूं कि आंतरिक और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दोनों कम होगा.

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