एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुये भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि जब उन्होंने वित्त मंत्री पी. चिदबरम से जुड़े एयरसेल-मैक्सिस मामले को उठाया था तो तत्कालीन सरकार ने उनके तथा उनके परिजनों के फोन टैप के आदेश दे दिये थे.
यह गंभीर आरोप लगाते हुये सिन्हा ने कहा कि फोन टैप जैसी इन हरकतों से वह डरते नहीं हैं और कांग्रेस लाख प्रयास कर ले लेकिन उनकी पार्टी उसके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी.
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की आदत है कि वह अपने खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने लाखों करोड़ रूपये के कोयला खदान घोटाले में अपनी सरकार के घिरने के बाद शर्मिंदगी महसूस करने की बजाय अपने सांसदों को भाजपा पर पलटवार करने की नसीहत दी है.
यह कैसी राजनीति है. यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘सोनिया गांधी घमंडी हैं और इसी कारण उन्होंने कांग्रेसी सांसदों और नेताओं को भाजपा पर पलटवार करने को कहा है.’ सिन्हा ने कहा कि क्या लोकतंत्र में विपक्ष से बात करने का यही तरीका है.
उन्होंने बाजपेयी सरकार की याद दिलाते हुये कहा कि उनके समय में ऐसी स्थिति में बाजपेयी स्वयं विपक्ष को साथ लाने की बात कहते थे लेकिन यहां तो सब उलट है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस घोटाले के पूरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है लेकिन भाजपा ऐसा होने नहीं देगी. उन्होंने 2जी मामले में पीएसी में मुरली मनोहर जोशी के साथ कांग्रेस के व्यवहार की याद दिलाते हुये कहा कि वहीं कांग्रेस का असली चरित्र है. वह तो वास्तव में ऐसे मुद्दों पर बहस ही नहीं चाहती हैं.
सिन्हा ने कांग्रेस पर बदले की भावना से काम करने और अपने विरोधियों के खिलाफ सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किस प्रकार कांग्रेस सरकार ने भाजपा के केन्द्रीय मंत्री अरुण शोरी तथा अन्य के खिलाफ समय-समय पर सीबीआई जांच का प्रयास किया लेकिन उन्हें क्या हासिल हुआ.
उन्होंने आरोप लगाया कि देश के इतिहास में पहली बार कोई प्रधानमंत्री सीएजी की संस्था को खत्म करने और उसका महत्व कम करने का प्रयास कर रहा है जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे.