भाजपा की कर्नाटक इकाई में विद्रोह जैसी स्थिति पैदा हो गई और मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के वफादार विधायकों ने पार्टी आलाकमान पर यह कहते हुए उनको पद पर बने रहने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाया कि उन्हें पार्टी के आधे से अधिक विधायकों और सांसदों का समर्थन हासिल है.
68 वर्षीय येदियुरप्पा की ओर से इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है और इससे उनके उत्तराधिकारी के चयन में विलंब हो सकता है. उनके खेमे के विधायकों ने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह और अरुण जेटली से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने को कहने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
पर्यवेक्षकों से कहा गया कि प्रत्येक विधायक की राय अवश्य ली जाए. येदियुरप्पा को पद से हटाए जाने की बात से नाराज उनके वफादारों ने खुलकर उनका समर्थन किया. येदियुरप्पा की ओर से अपने प्रत्याशी को अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए जबर्दस्त दबाव बनाने की खबरों के बीच भाजपा विधायक दल की होने वाली बैठक टाल दी गई.
राज्यसभा सांसद प्रभाकर कोरे ने कहा, ‘75 विधायक, 15 लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और 20 विधान पाषर्द येदियुरप्पा को नेता के तौर पर चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि आला कमान दक्षिण भारत में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने दें. 224 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 121 विधायक हैं. विधायकों में से कुछ ने खुले तौर पर मांग की कि येदियुरप्पा को भाजपा की राज्य इकाई का प्रमुख बनाया जाए और वह अपना उत्तराधिकारी चुनें.
राजनाथ और जेटली ने येदियुरप्पा के आवास पर उनसे मुलाकात की ताकि बिना किसी बाधा के नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता के बारे में उन्हें समझाया जा सके क्योंकि अगले कुछ दिनों में संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों के एजेंडा में शीर्ष पर रहने की उम्मीद है. सिंह ने कहा कि ‘आम सहमति’ से नए नेता के चुनाव का प्रयास जारी है.
येदियुरप्पा के वफादार मंत्री एम पी रेणुकाचार्य ने कहा, ‘येदियुरप्पा के साथ ज्यादातर विधायक, विधान पाषर्द और लोकसभा सदस्य हैं. येदियुरप्पा हमारे नेता हैं.’ रेणुकाचार्य ने कहा, ‘हम केंद्रीय नेताओं से अपील करते हैं कि वे येदियुरप्पा को (मुख्यमंत्री) बने रहने दें.’ अवैध खनन घोटाले में लोकायुक्त द्वारा आरोपित किए जाने के मद्देनजर पद से इस्तीफा देने को आला कमान द्वारा कहे जाने के बाद येदियुरप्पा ने गुरुवार को अनिच्छा से इसपर सहमति जताई थी.
उन्होंने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर 31 जुलाई को राज्यपाल हंसराज भारद्वाज को इस्तीफा सौंपेंगे. येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक में पार्टी को खड़ा करने के लिए 40 साल से मेहनत की है और पार्टी के विकास के लिए भविष्य में भी काम करने के लिए वह दृढ़प्रतिज्ञ हैं. पार्टी द्वारा मु़ख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहे जाने के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ता की तरह पद से इस्तीफा देने पर सहमति दे दी है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू और कर्नाटक मामलों के पार्टी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी नए नेता के चुनाव के मुद्दे पर मंत्रणा की. पार्टी के कुछ विधायकों ने पर्यटन मंत्री जी जनार्दन रेड्डी से उनके आवास पर मुलाकात की. कुछ अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से मुलाकात की जबकि कुछ अन्य ने पार्टी कार्यालय में ईश्वरप्पा और अनंत कुमार से मुलाकात की.
नायडू ने कहा कि नए नेता के निर्वाचन की प्रक्रिया निर्बाध तरीके से होगी और नए मुख्यमंत्री संभवत: एक अगस्त को शपथ लेंगे. येदियुरप्पा आगामी 31 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं. नए मुख्यमंत्री के तौर पर जिन नेताओं के नाम की चर्चा चल रही है उनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा, लोकसभा सांसद सदानंद गौड़ा, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री वी एस आचार्य, विधि एवं न्याय मंत्री सुरेश कुमार एस, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद अनंत कुमार, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री जगदीश शेट्टर (लिंगायत नेता) और येदियुरप्पा की करीबी मंत्री शोभा करंदलाजे शामिल हैं.
उधर, पार्टी के एक सांसद डी बी चंद्रे गौड़ा ने कहा, ‘कर्नाटक के भाजपा सांसदों की सर्वसम्मत राय यह है कि येदियुरप्पा को इस्तीफा नहीं देना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘वह एक व्यक्ति नहीं हैं. मुख्यमंत्री के तौर पर वह एक संस्था हैं. उन्हें सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों की राय लेनी चाहिए थी. हम आला कमान से अपील करते हैं कि वह अपने फैसले पर दोबारा विचार करें.’
गौड़ा ने यह भी कहा, ‘लोकायुक्त की रिपोर्ट अपनी पवित्रता खो चुकी है क्योंकि यह लीक हो चुकी है.’ आवास मंत्री वी सोमन्ना ने कहा, ‘आप सब जानते हैं कि उन्होंने कहा है कि वह 31 जुलाई को इस्तीफा देंगे. लेकिन यह सही समय नहीं है. लोकसभा सांसदों ने अपनी राय व्यक्त की है. देवगौड़ा ने कहा है कि अगर येदियुरप्पा अगले दो साल तक मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो उनकी पार्टी नहीं बचेगी.’
एक अन्य विधायक एस आर विश्वनाथ ने कहा, ‘हमने उनसे (पर्यवेक्षकों से) कहा है कि उन्हें (येदियुरप्पा को) बने रहने दें.’ उन्होंने कहा कि राजनाथ और जेटली ने विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर अपनी राय देने को कहा लेकिन ‘‘हमने उनसे कहा कि हम एकसाथ राय देंगे.’ भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं के मुख्यमंत्री के रेसकोर्स स्थित आवास से रवाना होने के बावजूद येदियुरप्पा खेमे में खुशी का माहौल था. उनके वफादार कुछ मंत्रियों और विधायकों ने जीत का संकेत दिखाया.
एक अन्य भाजपा विधायक संजय पाटिल ने कहा कि विधायकों ने दोनों नेताओं को पार्टी को बनाने में येदियुरप्पा के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को हटाना ‘विपक्षी पार्टियों (कांग्रेस और जद एस) के हाथ में खेलना होगा.’ हरिहर से विधायक बी.पी. हरीश ने कहा कि विधायकों ने दोनों केंद्रीय नेताओं से ‘एक सुर’ में कहा कि उनसे पूछे बिना येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के लिये कहने के निर्णय से वे आहत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध खनन पर लोकायुक्त की रिपोर्ट प्रायोजित है और यह येदियुरप्पा को हटाने की ‘साजिश’ है.
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