तेलुगू देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री किंजारपू येरन नायडू की आंध्रप्रदेश में उनके गृह जिले श्रीकाकुलम में शुक्रवार तड़के उस समय मौत हो गई जब उनकी कार एक लॉरी से टकरा गई. वह 55 वर्ष के थे. अपनी पार्टी के संबंध अन्य राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों के साथ बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.
वर्ष 1982 में तेलुगू देशम पार्टी के गठन के तुरंत बाद इससे जुड़ने वाले येरन नायडू 1983 से लेकर चार बार आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और 1996 से कई बार लोकसभा सदस्य के रूप में भी निर्वाचित हुए. हालांकि, 2009 में वह श्रीकाकुलम से लोकसभा चुनाव हार गए. अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में उन्हें एक और बार उस समय हार का सामना करना पड़ा जब उन्होंने 1991 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा.
टीडीपी नेता येरन नायडू की सड़क हादसे में मौत
एक योग्य वकील रहे येरन नायडू 1996 से 1998 तक संयुक्त मोर्चा सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे. येरन नायडू अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से पार्टी के संबंध बनाने की वजह से नयी दिल्ली में तेदेपा का चेहरा बन गए थे.
श्रीकाकुलम जिले के निम्मड गांव से ताल्लुक रखने वाले नायडू ने अपने लिए राजनीति को चुना और काफी आगे बढ़े. विधायक के रूप में वह सदन समितियों में शामिल रहे और 1995-96 में सरकार के मुख्य सचेतक भी रहे.
सांसद के रूप में उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों में काम किया और रेलवे समिति के अध्यक्ष भी रहे. वर्ष 1999 से वह तेदेपा पोलित ब्यूरो के स्थाई सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे. चंद्रबाबू पार्टी के अधिकतर मामलों के लिए उन पर निर्भर रहा करते थे.
वर्ष 2004 में वह उस समय बाल-बाल बचे थे जब भाकपा (माओवादी) ने श्रीकाकुलम जिले में उनके वाहन को निशाना बनाकर बारूदी सुरंग विस्फोट किया था.