हाल ही में उद्योगों से जुड़े अधिकारियों पर कराये गये एक अध्ययन से पता चला है कि योग को अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल करने से नौकरी से जुड़ी परेशानियों और तनाव में काफी गिरावट आती है.
गुजरात के प्रधान सचिव शिक्षा हसमुख अधिया और दो अन्य शोधकर्ताओं एच आर नगेंद्र और बी महादेवन ने आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज के 84 अधिकारियों पर यह अध्ययन किया. इन 84 अधिकारियों के दल को दो भागों में बांटा गया. प्रत्येक गुट में 42 अधिकारी थे. योग वाले समूह को प्रतिदिन 75 मिनट के हिसाब से 30 घंटे तक योग का प्रशिक्षण दिया गया.
प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद की मैगजीन ‘विकल्प’ के मुताबिक इन अधिकारियों को योग के दर्शन पर 25 घंटे का व्याख्यान भी दिया गया. दूसरे समूह को शारीरिक व्यायाम करवाया गया. उन्हें आधुनिक सिद्धांतों के आधार पर सफलता के बारे में व्याख्यान भी दिया गया . लेकिन इन्हें योग का प्रशिक्षण नहीं दिया गया.
दोनों ही समूहों का प्रशिक्षण के पहले और बाद में कई परीक्षण किया गया. अधिया ने कहा, ‘‘माप के दौरान योग वाले समूह में तनाव के स्तर में काफी गिरावट आई जबकि आश्चर्यजनक रूप से शारीरिक व्यायाम करने वाले समूह में तनाव का स्तर बढ़ गया. अतिरिक्त व्यायाम की वजह से उनकी व्यस्तता बढने के कारण तनाव बढ गया.’’{mospagebreak}अध्ययन में कहा गया है कि एक अनुमान के मुताबिक अमेरिकी उद्योगों को तनाव की वजह से प्रतिवर्ष करीब 300 अरब डालर से भी अधिक की कीमत चुकानी पड़ती है. इससे उत्पादकता घटती है और गायब रहने की प्रवृत्ति बढ़ती है.