सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन अनशन करने की इजाजत नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर सरकार पर लोगों के मूल अधिकारों को ‘कुचलने’ का आरोप लगाया.
अन्ना हजारे ने हिन्दी में लिखे अपने पत्र में तल्ख शब्दों में सरकार पर आरोप लगाया है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों का दमन कर रही है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, ‘‘आपकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों का दमन करने की कोशिश कर रही है.’’ हजारे ने इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें उचित कारण बताए बगैर उस स्थान पर अनशन करने की इजाजत नहीं दी गई, जहां के लिए उन्होंने इजाजत मांगी थी.
उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘क्या इन सभी चीजों से तानाशाही नहीं दिखती है.’’ हजारे ने लिखा है, ‘‘क्या लोकतंत्र की हत्या कर और संविधान का उल्लंघन कर मूल अधिकारों को दबाना आपके लिए आवश्यक है? लोगों का कहना है कि आपकी सरकार आजादी के बाद देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है. हालांकि, मेरा मानना है कि प्रत्येक अपनी पिछली सरकार की तुलना में कहीं अधिक भ्रष्ट रही है.’’
हजारे ने अपने सिर्फ तीन दिन तक अनशन करने के लिए पुलिस से मिली इजाजत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसके पीछे कोई वजह नहीं बताई गई. उन्होंने अपने प्रस्तावित अनशन को इजाजत देने से इनकार करने में सरकार पर बहाने ढूंढने का आरोप लगाया.
हजारे ने कहा, ‘‘इससे पहले हमे जंतर-मंतर पर अपने अनशन के लिए इजाजत यह कहते हुए नहीं दी गई कि हम समूचे इलाके को भर देंगे और अन्य प्रदर्शनों के लिए कोई स्थान खाली नहीं छोड़ेंगे.’’
हजारे ने अपने पत्र में कहा, ‘‘तब हमने चार स्थानों- राजघाट, बोट क्लब, रामलीला मैदान एवं शहीद पार्क में से किसी एक स्थान की मांग की. दिल्ली नगर निगम ने इजाजत दे दी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने सप्ताह भर की हीलाहवाली के बाद अनुमति नहीं दी.’’
उन्होंने कहा कि उन्हें इजाजत नहीं देने के पीछे कोई वैध कारण नहीं दिया गया. उन्होंने पुलिस के रवैय को ‘निरंकुशवादी’ करार दिया और कहा कि संविधान में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर नागरिक का मौलिक अधिकार है.
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘हम आपको संविधान की बलि नहीं देने देंगे और लोकतंत्र को नहीं कुचलने देंगे. यह हमारा और इस देश की जनता का भारत है. आज आपकी सरकार है, कल हो न हो. ’’
उन्होंने मनमोहन सिंह से सवाल किया, ‘‘प्रदर्शन की अनुमति नहीं देकर क्या आप और आपकी सरकार हमारे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रही. क्या आप देश के स्वतंत्रत दिवस से दो दिन पहले हमारी आजादी नहीं छीन रहे हैं. आप किस मुंह से राष्ट्र के 65 वें स्वाधीनता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे.’’
हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री को उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तथा मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराने का साहस दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आप 79 साल के हैं और देश के शीर्ष पद पर हैं. आपने जीवन में हर चीज हासिल किया है. आप जीवन से और क्या चाहते हैं. साहस दिखाइए और कुछ ठोस कदम उठाइए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना आपका महती दायित्व है और मुझे आशा है कि आप स्थिति की गंभीरता समझेंगे और तत्काल कार्रवाई करेंगे. यदि लोकतंत्र का प्रमुख प्रदर्शन के लिए हमें स्थान देने में असमर्थ है तो हम गिरफ्तारी देंगे और जेल में अपना प्रदर्शन करेंगे.’’
प्रदर्शन के प्रति अपना संकल्प प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह 16 अगस्त से प्रदर्शन पर बैठेंगे तब लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे.