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अपना टेस्ट कैरियर सुधारना चाहता हूं: युवराज

विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के साथ अपने आलोचकों का मुंह बंद करने वाले युवराज सिंह का लक्ष्य अब टेस्ट क्रिकेट में अपना कैरियर ग्राफ सुधारना है. उन्हें भरोसा है कि पांच दिनी क्रिकेट में भी उनका बल्ला ही उनके लिये रास्ता बनाएगा.

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विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के साथ अपने आलोचकों का मुंह बंद करने वाले युवराज सिंह का लक्ष्य अब टेस्ट क्रिकेट में अपना कैरियर ग्राफ सुधारना है. उन्हें भरोसा है कि पांच दिनी क्रिकेट में भी उनका बल्ला ही उनके लिये रास्ता बनाएगा.

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युवराज ने कहा, ‘मैं काफी मेहनत कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि मौका मिलने पर मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा. मैं अपने टेस्ट कैरियर को सुधारना चाहता हूं और अब यह मेरा मुख्य लक्ष्य है.’ उन्होंने कहा, ‘पिछले दस साल में अपने कैरियर को देखने पर मैं इस तथ्य से इनकार नहीं करूंगा कि टेस्ट क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से मैं निराश हूं. इसके पीछे कई कारण थे जिन पर मैं बात नहीं करना चाहता. लेकिन आने वाला समय दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण होगा.’

वनडे और टी 20 क्रिकेट में अपना लोहा मनवा चुके युवराज टेस्ट क्रिकेट में अपनी अपार प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले युवराज टेस्ट टीम में जगह पक्की नहीं कर सके हैं. वनडे क्रिकेट में हालांकि ऐसा नहीं है. विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज ने 90.50 की औसत से 362 रन बनाये और 15 विकेट लिये.

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क्या लगातार आलोचना ने उन्हें अधिक मजबूत बनाया, यह पूछने पर उन्होंने कहा कि वह एक सीमा के बाद आलोचना पर ध्यान नहीं देते. उन्होंने कहा, ‘आलोचकों को चुप करने का मेरा एक ही तरीका है, अच्छा प्रदर्शन. यही लोग विश्व कप से पहले मुझे टीम में चुने जाने पर सवाल उठा रहे थे और अब मेरे बारे में अच्छा बोल रहे हैं. इन पर भरोसा कैसे किया जाये. मेरा काम मैदान पर शत प्रतिशत योगदान देना है.’

युवराज ने कहा, ‘मेरे दोस्त, परिवार और शुभचिंतक हैं जो मुझे बेबाक राय देते हैं. हरेक की सुनने की बजाय मैं उनकी राय पर गौर करता हूं.’ भारत की 28 साल बाद विश्व कप जीत के सूत्रधार रहे युवराज ने स्वीकार किया कि उन पर अपेक्षाओं का भारी दबाव था.

इस खब्बू बल्लेबाज ने कहा, ‘अपेक्षायें तो थीं लेकिन किसी भी अहम टूर्नामेंट में ऐसा होता है. पिछला एक साल मेरे लिये बहुत कठिन रहा. मैने अपने खेल के हर पहलू पर बहुत मेहनत की और सकारात्मक सोच के साथ उतरा. भगवान की कृपा से सब ठीक हो गया.’

सचिन तेंदुलकर के लिये विश्व कप जीतने की बात कहने वाले पंजाब के इस बल्लेबाज ने कहा कि यह चैम्पियन बल्लेबाज मैदान के भीतर और बाहर उनका प्रेरणास्रोत रहा है. उन्होंने कहा,‘पाजी (सचिन) मेरी जिंदगी में बहुत अहम इंसान हैं. मैं बचपन में उनकी तरह ही बनना चाहता था. कोई भी उनके जैसा नहीं हो सकता लेकिन उनके 20 प्रतिशत गुण भी हमारे भीतर आ जायें तो काफी है. 22 साल से क्रिकेट खेलने के बावजूद बच्चों जैसा उत्साह, रनों की भूख हर किसी में नहीं होती. मैदान के भीतर और बाहर उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है.’

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युवराज ने कहा, ‘संकट के दौर में हमेशा उनकी सलाह मेरे लिये कारगर साबित हुई है. विश्व कप से पहले भी मैने उनसे लंबी बात की थी जिसका फायदा मिला.’ टीम के सीनियर सदस्यों में शुमार युवराज को अपनी जिम्मेदारियों का भी बखूबी अहसास है. उन्होंने कहा, ‘सीनियर होने का मतलब जिम्मेदारियां है. टीम खेल में यदि सीनियर अच्छा खेल रहे हैं तो युवाओं पर दबाव नहीं रहता. मैं यही भूमिका निभाना चाहता हूं.’

युवराज ने कहा, ‘जब मैं नया था तो टीम में सचिन, राहुल, सौरव, अनिल और लक्ष्मण जैसे सीनियर थे. वे हमारा खास ख्याल रखते थे और अब मैं भी यही करना चाहता हूं. मैं युवाओं से अपना अनुभव बांटता हूं.’ युवराज ने स्वीकार किया कि एक दशक के अनुभव ने बतौर क्रिकेटर और इंसान उन्हें काफी बदल दिया है.

उन्होंने कहा, ‘मुझमें सकारात्मक बदलाव आया है. अब मैदान के भीतर और बाहर मैं अधिक परिपक्व और शांत हूं. कई उतार चढ़ाव झेलने के बाद मैं अधिक मजबूत और समझदार हुआ हूं.’ अगले महीने इंग्लैंड दौरे के लिये फिट युवराज ब्रेक के दौरान अपनी फिटनेस पर मेहनत कर रहे हैं.

उन्होंने बताया, ‘अब मैं पहले से बेहतर हूं. वेस्टइंडीज नहीं जा पाने का दुख है लेकिन फिटनेस जैसे मसलों में कुछ नहीं किया जा सकता. मैं अब फिटनेस और तकनीक पर मेहनत कर रहा हूं. इंग्लैंड दौरे पर जाने के लिये पूरी तरह फिट हूं.’ नये कोच डंकन फ्लेचर की इस राय से वह इत्तेफाक रखते हैं कि अगले पांच दस साल में विश्व क्रिकेट पर भारत का दबदबा रहेगा.

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उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले कुछ साल में हर प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है और इसे बरकरार रख सके तो जरूर ऐसा होगा. शीर्ष पर पहुंचना आसान है पर वहां बने रहना कठिन है लेकिन हमारे पास प्रतिभा की कमी नहीं है.’

क्रिकेट से ब्रेक के दौरान युवराज चैरिटी में भी जुटे हैं और उनका इरादा गरीब बच्चों के लिये विशेष स्कालरशिप शुरू करने का है. उन्होंने कहा, ‘युवराज सिंह फाउंडेशन के तहत हम गरीब बच्चों की मदद करते हैं. जल्दी ही मैं अत्याधुनिक कोचिंग सेंटर शुरू करूंगा जिसमें गरीब बच्चों को विशेष स्कालरशिप दी जायेगी.’

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