scorecardresearch
 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निराशा: जकिया जाफरी

वर्ष 2002 गुलबर्ग सोसायटी दंगे मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर निराशा जताते हुए इस घटना में जान गंवाने वाले पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने मायूसी जताते हुए कहा कि असली अपराधी अब भी छुट्टे घूम रहे हैं.

Advertisement
X

वर्ष 2002 गुलबर्ग सोसायटी दंगे मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर निराशा जताते हुए इस घटना में जान गंवाने वाले पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने मायूसी जताते हुए कहा कि असली अपराधी अब भी छुट्टे घूम रहे हैं. गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी नरसंहार में एहसान जाफरी को जिंदा जला दिया गया था.

Advertisement

'एसआईटी की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्‍लीनचिट नहीं'

जकिया ने सूरत में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे अब भी उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है, लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ कमी रह गई.’ उन्होंने कहा, ‘इस घटना को हुए करीब 10 साल हो गए. लोग गिरफ्तार हुए और उनके खिलाफ सुनवाई जारी है. बहरहाल, इन दंगों के पीछे के असली अपराधी अब भी छुट्टे घूम रहे हैं.’

'गुजरात दंगों से संबंधित रिकार्ड सही सलामत'

उच्चतम न्यायालय ने 2002 दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित निष्क्रियता पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और फैसले के लिए इस मामले को अहमदाबाद के संबंधित मजिस्ट्रेट को भेज दिया. जकिया ने कहा, ‘मैं लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं.’

उन्होंने कहा कि वह अंतिम सांस तक न्याय के लिए अपनी जंग जारी रखेंगी. गौरतलब है कि गोधरा कांड के बाद 28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसायटी दंगों में एहसान सहित 68 लोग मारे गए थे. इस मामले में 60 से ज्यादा लोगों के खिलाफ सुनवाई चल रही है जिसकी जांच उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की.

Advertisement

जकिया ने इस संबंध में मोदी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी को जांच करने के लिए कहा था. इस मामले की अंतिम सुनवाई न्यायाधीश बी जे धांडा की नेतृत्व वाली विशेष अदालत में जारी है.

Advertisement
Advertisement