दिल्ली में मंगलवार सुबह एयरपोर्ट के पास बीएसएफ का एक चार्टर्ड प्लेन क्रैश हो गया. हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई. हादसा द्वारका सेक्टर-8 के पास शाहबाद मोहम्मदपुर इलाके में हुआ, जहां विमान एक मकान से टकरा गया. आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की 15 गाड़ियां पहुंचीं. गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भी घटनास्थल पहुंचे. विमान ने सुबह साढ़े नौ बजे उड़ान भरी थी और 9.40 बजे क्रैश हो गया. बीएसएफ डीजी ने मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये मदद का ऐलान किया है.
दिल्ली से रांची जा रहा था विमान
बीएसएफ का यह 10 सीटर सुपरकिंग विमान था, जो दिल्ली से रांची जा रहा था. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद ग्राउंड कंट्रोल से इसका संपर्क टूट गया. माना जा रहा है कि इसी वजह से यह क्रैश हुआ. विमान में बीएसएफ के इंजीनियर और तीन अफसरों समेत 10 लोग सवार थे.
21 साल पुराना था विमान
डीजीसीए के मुताबिक यह सुपरकिंग विमान 1994 में बना था. डीजीसीए में इसके रजिस्ट्रेशन की तारीख 3 अगस्त 1995 लिखी गई है. नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा ने हादसे पर अफसोस जताते हुए कहा कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. डीजीसीए ने भी मंत्रालय से अलग एक और जांच के आदेश दिए हैं.
इमरजेंसी लैंडिंग की मांगी थी इजाजत
सूत्रों के मुताबिक पायलट को विमान में कोई तकनीकी दिक्कत महसूस हुई थी. इसलिए उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से इमरजेंसी लैंडिंग की भी इजाजत मांगी थी. पायलट को इसकी इजाजत दे दी गई थी, लेकिन वह इमरजेंसी लैंडिंग करा पाता इससे पहले ही हादसा हो गया.
तालाब में की थी क्रैश लैंडिंग की कोशिश
बीएसएफ डीजी डीके पाठक ने बताया कि पायलट को तकनीकी गड़बड़ी महसूस होने और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूटने पर हादसे का अहसास हो गया था. इसलिए उसने सूझबूझ दिखाते हुए विमान की तालाब में क्रैश लैंडिंग की कोशिश कराई थी, ताकि रिहायशी इलाके में विमान न गिरे और बड़ा हादसा टाला जा सके. लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. विमान का एक हिस्सा तालाब में गिरा.
इसलिए जा रहा था रांची
विमान रांची के नक्सल प्रभावित इलाके में खराब हो गए एक हेलीकॉप्टर को ठीक करने के लिए टेक्निकल स्टाफ को लेकर रांची जा रहा था. क्रैश के चार घंटे बाद करीब डेढ़ बजे सभी 10 शव निकाल लिए गए. सात उस तालाब में मिले, जहां विमान गिरा और तीन बाहर.
हादसे में इनकी मौत
मृतकों में कैप्टन भगवती प्रसाद, एसएसबी से डेपुटेशन पर बीएसएफ में आए को पायलट राजेश शिवरेन, डिप्टी कमांडेंट- डी कुमार सहित बीएसएफ स्टाफ राघवेंद्र कुमार, रवींद्र कुमार, एसएन शर्मा, छोटे लाल, डीपी चौहान, सुंदर सिंह और के. रावत शामिल हैं.
मौके पर पहुंचे राजनाथ, मोदी ने जताया अफसोस
हादसे की सूचना मिलते ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत डीजीसीए अधिकारी भी हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंचे. दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और बीएसएफ डीजी भी मौके पर गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों को ढांढ़स बंधाया.
Pained by the loss of lives in the BSF plane crash in Delhi. My thoughts are with the families of the deceased.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 22, 2015
मजदूर भी आए चपेट में
घटनास्थल के पास कुछ मजदूर भी काम कर रहे थे. वे भी इसकी चपेट में आए हैं. मजदूरों पर विमान का मलबा गिर गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कुछ मजदूरों की हालत नाजुक बताई जा रही है.
नक्सल ऑपरेशन को लगा झटका
इस प्लेन के क्रैश होने से झारखंड के नक्सल ऑपरेशन को करारा झटका लगा है. दरअसल, रांची में बीएसएफ का बेस कैंप है. वहां इसके तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टर हमेशा स्टैंडबाय में रहते हैं. इन्हीं हेलीकॉप्टरों के मेंटेनेंस के लिए एक नियमित अंतराल पर बीएसएफ की टेक्निकल टीम यहां आती रही है. इस बार यह टीम एमआई-17 हेलीकॉप्टर के मेंटेनेंस के साथ साथ नक्सल अभियान के लिए एक नए बेस कैंप के निर्माण के लिए आ रही थी.
बेस कैंप के लिए यह थी योजना
इस बेस कैंप को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया जाना था. नए बेस कैंप में V5 एयरक्राफ्ट को शामिल करने की भी योजना थी. इस योजना को मूर्त रूप दिया जाता, इससे पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया. झारखंड पुलिस के मुताबिक इस क्रैश से नक्सलियों के खिलाफ पूरी प्लानिंग को बड़ा झटका लगा है. फिलहाल यह योजना अधर में लटक गई है.
आखिरी सलामी देंगे राजनाथ
बुधवार सुबह लगभग 8 बजे शवगृह से सभी शवों को निकालकर सफदरजंग एयरपोर्ट ले जाया जाएगा, जहां केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आखिरी सलामी देंगे.