उनकी आंखों में भी सपने थे. सौंदर्य की चाहत उनके दिलों में भी थी. लेकिन तेजाब के हमलों ने उनकी दुनिया पूरी तरह बदल दी और उनके सपनों को लहूलुहान कर दिया. कुछ यही अहसास कराता है एक नया कैलेंडर जिसमें नजर आती हैं तेजाब पीड़ित महिलाएं . यह कैलेंडर 'स्टॉप एसिड अटैक्स' अभियान की तीसरी सालगिरह पर जारी किया गया है तथा यह एक गैर सरकारी संगठन 'छांव' की पहल है.
'स्टॉप एसिड अटैक्स' अभियान और 'छांव' के एक सदस्य आशीष शुक्ला ने बताया, 'यह विचार एक बहस से उपजा जो कि सौंदर्य के वास्तविक अर्थ, सौंदर्य की परिभाषा के बारे में समाज की वर्तमान सोच तथा किसी कारणवश भौतिक सुंदरता से वंचित हो चुके व्यक्तियों के प्रति धारणा पर केंद्रित थी.' यह कैलेंडर आम कैलेंडरों से अलग है। 'बेलो' शीषर्क वाले इस कैलेंडर में तेजाब हमलों की 12 पीड़ितों की तस्वीरें हैं जो मार्च 2015 से फरवरी 2016 के बीच इस भयावह त्रासदी की शिकार हुईं.
कैलेंडर में तेजाब पीड़ित महिलाओं की तस्वीरें उनके उन सपनों का अहसास कराती हैं जो इस भयावह हमले से झुलस चुकी हैं. यह तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फोटोग्राफर राहुल सहारन ने खींची हैं. पहले राहुल द्वारा तेजाब पीड़ित लक्ष्मी, रूपा, रितु, सोनिया और चंचल की खींची गई तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चित हो चुकी हैं.
कैलेंडर की कवर फोटो खुद आशीष शुक्ला ने डिजाइन की है. उन्होंने बताया, 'हम आठ मार्च को यह कैलेंडर जारी कर रहे हैं जो हमारा स्थापना दिवस भी है. कैंलेंडर का अगला संस्करण ठीक एक साल बाद जारी किया जाएगा.' शुक्ला ने बताया कि राहुल सहारन के अलावा एक एक तस्वीर बेल्जियन फोटोग्राफर पास्कल मैनार्ट्स और मुंबई की फोटोग्राफर सुरभि जायसवाल ने भी ली है. पास्कल मैनार्ट्स ने कहा कि इस अभियान से जुड़ने के लिए वह बहुत उत्सुक थे. उनके विचार से यह पहल बताती है कि विषम परिस्थितियों का मुकाबला कैसे किया जाता है.
यह कैलेंडर सोशल मीडिया पर भी जारी किया जाएगा ताकि दुनिया भर में करीब 10 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके और उन्हें सौंदर्य की इस अनूठी परिभाषा के बारे में बताया जा सके. राहुल सहारन ने बताया 'फोटोशूट अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी किया जा रहा है और इसका उद्देश्य जागरुकता फैलाना है. अगर लोग यह कैलेंडर घर पर रखेंगे तो निश्चित रूप से यह पीड़ितों के प्रति उनकी स्वीकार्यता का संकेत होगा.'
उन्होंने बताया, 'साथ ही यह कैलेंडर अलग-अलग पृष्ठभूमि की तेजाब पीड़ित महिलाओं के उन सपनों को भी बताता है जो कभी सतरंगी थे, लेकिन बाद में पीड़ा के रंग में रंग गए.' मार्च के कैलेंडर में पीड़ितों को दर्द भरे दिनों के बाद खुशियों से झूमते दिखाया गया है. अप्रैल में लक्ष्मी को दूसरी पीड़ितों के लिए आदर्श के तौर पर दिखाया गया है.
कई बाधाओं को पार करने वाली लक्ष्मी ने न सिर्फ टीवी पर एक समाचार चैनल में प्रस्तोता की भूमिका निभाई बल्कि गायिका बनने की चाहत रखने वाली इस साहसी महिला को अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने 'इंटरनेशनल वूमन ऑफ करेज' सम्मान से भी सम्मानित किया.
आगरा निवासी नीतू तब तीन साल की थी जब उस पर और उसकी मां पर तेजाब फेंका गया था. संगीत में रूचि रखने वाली नीतू की मां शेफ बनना चाहती थीं. आज वह पुनर्वास के लिए 'एसिड अटैक सर्वाइवर्स' द्वारा आगरा में शुरू किए गए कैफे 'शेरोज हैंगआउट' में काम करती हैं. जनवरी का कैलेंडर डॉक्टर बनने की इच्छुक डॉली की तस्वीर लिए हुए है जिस पर उसके प्रेमी ने तेजाब फेंका था.
- इनपुट भाषा से