2जी घोटाले मे पूर्व आरोपी रहे ए राजा को आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समर्थन मिल गया है. सीबीआई की विशेष अदालत से बरी होने के कुछ दिनों बाद ए राजा ने मनमोहन सिंह को एक चिट्ठी लिखी थी.
राजा ने इस मामले में मनमोहन सिंह से समर्थन मांगा था. सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इन आरोपियों में ए राजा और कनिमोझी समेत कई आरोपी थे.
फैसला आने के पांच दिनों बाद 26 दिसंबर को ए राजा ने मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी. उन्होंने लिखा, 'मैंने आपको कई बार भरोसा दिलाया था कि मैंने इस मामले में कुछ भी गलत नहीं किया था. मैंने कई बार कहा था कि मैंने राष्ट्रीय हित में काम किया है और मैं इसे साबित करके रहूंगा.'
उन्होंने आगे लिखा है, 'मैं आपकी मजबूरी भी समझता हूं, जिसकी वजह से आप मेरा खुलकर समर्थन नहीं कर सके. अब 2जी घोटाले के बारे में सच दुनिया के सामने है. शायद अब आप मेरे समर्थन में सामने आ सकते हैं, जो आप पहले नहीं कर सके.'
राजा ने कहा, 'इससे यूपीए सरकार को नुकसान हुआ और मेरे भी सात साल खराब हुए, जिसमें से 15 महीने जेल में गुजरे.' इस दौरान राजा ने बिना नाम लिए अपने पूर्व सहयोगियों को भी निशाना बनाया. उन्होंने लिखा है, 'अब शायद आपको पता चल गया होगा कि कैबिनेट के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के उलट मैं हमेशा आपके प्रति वफादार रहा.'
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राजा की इस चिट्ठी का जवाब भी दिया है. उन्होंने 2 जनवरी को इस चिट्ठी का जवाब दिया. मनमोहन सिंह ने लिखा, 'मैं 2जी केस के नतीजे से बहुत खुश हूं कि आप इसमें बरी हो गए.'
सीबीआई की अदालत का फैसला आने के बाद राजा ने कहा था कि 2जी स्पेक्ट्रम के बंटवारे के दौरान हुए नुकसान की अफवाह उड़ाई गई थी.
वह कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार में टेलीकॉम मिनिस्टर थे. 2008 में उनके मंत्री रहने के दौरान 8 कंपनियों को स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंस बांटे गए थे.