जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर के करीब ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के एक जवान ने अफसरों पर संगीन आरोप लगाया है. उसका आरोप है कि बीएसएफ जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है. उसने ये भी इल्जाम लगाया है कि अफसर राशन को बाजार में बेच देते हैं. उस जवान ने 3 वीडियो बनाए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं.
इस जवान ने पीएम मोदी से अपील की है कि वो पूरे मामले की जांच कराएं. सोशल मीडिया पर वायरल इन वीडियो को अब तक करीब साढ़े 5 लाख लोग देख चुके हैं. इनकी सच्चाई का दावा 'आजतक' नहीं करता है. लेकिन सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच का भरोसा दिया है. वायरल वीडियो पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने गृह सचिव को जांच का आदेश दिया है. बीएसएफ से रिपोर्ट तलब की गई है. जवान के वीडियो पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. लेकिन सीमा पर अपनी नियमित यात्रा के दौरान मैंने जवानों के बीच सब कुछ सही पाया था.
I have seen a video regarding a BSF jawan's plight. I have asked the HS to immediately seek a report from the BSF & take appropriate action.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) 9 January 2017
बीएसएफ जवान ने अपने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार भूखा रखा जाता है. वीडियो में जवान बता रहा है कि वो किस हालात में काम करते हैं. जवान भूखे पेट रहते हैं. दाल में सिर्फ हल्दी-नमक होता है. जवान कह रहा है कि भारत सरकार सब देती है, वहां से सबकुछ आता है. लेकिन अधिकारी कुछ नहीं देते. जवानों को नाश्ते में सिर्फ चाय और जले हुए पराठे मिलते हैं.
वीडियो बनाने वाले जवान तेज बहादुर ने 'इंडिया टुडे' से कहा कि मेरी ड्यूटी बदल दी गई है. मुझे प्लंबर में लगाया गया है. मेरे ऊपर वीडियो हटाने का दबाव था. मैंने पहले भी सीनियर्स से शिकायत की थी. इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई. मेरे साथी जवान वीडियो अपलोड करने से बहुत खुश हैं. मुझे अपनी नौकरी खोने का डर नहीं है. मैंने जो दिखाया है, वहीं सच्चाई है. सीनियर्स पर इल्जाम लगाने वाले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का इतिहास बेहद दागदार है. एक बार तो उसका कोर्ट मार्शल भी हो चुका है, लेकिन अफसरों की दरियादिली से उसकी नौकरी बच गई. बताया जाता है कि उसने नौकरी छोड़ने की अर्जी भी दे रखी है.
बीएसएफ की सफाई
जवान के वीडियो पर बीएसएफ के डीआईजी एमडीएस मान ने कहा है कि वह पहले ही वीआरएस के लिए अप्लाई कर चुका है, जिसे मंजूरी दी जा चुकी है. हमने जांच के आदेश दिए हैं. खाने की क्वालिटी को लेकर कोई शिकायत नहीं है. डीजी ने कहा कि 20 साल के कार्यकाल में तेज बहादुर यादव के खिलाफ 4 शिकायतें दर्ज थीं. इसलिए उसे प्रमोशन नहीं मिला था, शायद इसलिए वह निराश था. अगर तेज बहादुर के आरोपों में कुछ भी सच निकला तो हम दोषियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.