ब्रिटिश खगोलशास्त्रियों ने एक विशाल तारा खोज निकाला है जो सूरज के मुकाबले एक करोड़ गुना अधिक चमकीला है. युवा तारों के दो समूहों एनजीसी 3603 तथा आरएमसी 136ए के बीच पाया गया यह तारा सूर्य के द्रव्यमान से 300 गुना अधिक है.
शेफिल्ड यूनिवर्सिटी में यूरोपीय साउदर्न ओब्जरवेटरी के बेहद विशाल टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर वैज्ञानिकों के एक दल ने विशाल तारों के समूह में इसे खोजा है जिसका नाम आर 136ए1 रखा गया है. इसका मौजूदा द्रव्यमान 265 सौर द्रव्यमान है और माना जा रहा है कि इसकी चमक सूर्य से 320 गुना अधिक है. टेलीग्राफ ने यह रिपोर्ट दी है.
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि यह अभी तक पाया गया सर्वाधिक चमकीला तारा है. यूनिवर्सिटी में एस्ट्रो फिजिक्स के प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता पाल क्रोथर ने बताया कि इंसानों के विपरीत, ये तारे जन्म के समय वजन में भारी होते हैं और उम्र बढ़ने पर इनका वजन कम होता जाता है.
उन्होंने कहा कि इन बेहद दुर्लभ और उच्च द्रव्यमान वाले तारों की उम्र बेहद कम होती है, इसलिए इनका जन्म कैसे होता है, इसका पता लगाना खगोल शास्त्रियों के लिए एक चुनौती बना हुआ है. क्रोथर ने अनुमान लगाते हुए कहा कि या तो वे इसी बड़े आकार के साथ पैदा होते हैं या छोटे छोटे सितारे एकजुट होकर इन्हें जन्म देते हैं.