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अफजल के मुद्दे पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच वाकयुद्ध

अफजल गुरु की उसकी दया याचिका का जल्द निपटारा करने की मांग करती उच्चतम न्यायालय में दाखिल अर्जी को लेकर एसएआर गिलानी के नेतृत्व वाले गैर-सरकारी संगठन और एक वकील के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया.

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अफजल गुरु की उसकी दया याचिका का जल्द निपटारा करने की मांग करती उच्चतम न्यायालय में दाखिल अर्जी को लेकर एसएआर गिलानी के नेतृत्व वाले गैर-सरकारी संगठन और एक वकील के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया. वकील ने दावा किया कि वह संसद पर हमले के दोषी का वकील रहा है.

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संसद पर हमले के मामले में दोषमुक्त करार दिये गये गिलानी ने दावा किया कि एन डी- पंचोली अफजल के वकील नहीं हैं और वह कभी किसी भी अदालत में उसके लिये हाजिर नहीं हुए. वकील ने इस आरोप को खारिज कर दिया.

दावे और जवाबी दावे का दौर तब शुरू हुआ जब मीडिया ने अफजल की अर्जी के बारे में खबर दी जो मार्च में पंचोली के जरिये दाखिल की गयी थी.

गिलानी की ‘कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ (सीआरपीपी) ने दावा किया कि वह मामले को उठा रही है और पंचोली का इससे कोई लेना देना नहीं है.

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