पर्यावरण और वन मंत्रालय ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह आदर्श हाउसिंग सोसायटी को नये सिरे से सुनवाई का मौका देने पर विचार कर रहा है तथा दो सप्ताह में एक हलफनामा दाखिल करेगा.
सहायक सालिसिटर जनरल डेरियस खंबाटा ने मंत्रालय की तरफ से कहा, ‘मंत्रालय इमारत को गिराने के अपने नोटिस पर सोसायटी को सुनवाई का नये सिरे से मौका देने पर विचार कर रहा है. दो सप्ताह के अंदर अंतिम फैसला लिया जाएगा जिसके बाद एक हलफनामा दाखिल किया जाएगा.’ न्यायमूर्ति रंजना देसाई तथा न्यायमूर्ति राजेश केतकर की खंडपीठ ने आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले के मामले में उच्च न्यायालय में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की. इसमें पर्यावरण मंत्रालय के इमारत को गिराने के आदेश को चुनौती देने वाली सोसायटी की याचिका भी शामिल है.
मंत्रालय ने 16 जनवरी को 31 मंजिला इमारत को अनाधिकृत करार देते हुए उसे गिराने का आदेश सोसायटी को दिया था. पीठ ने मामले में सुनवाई 25 मार्च तक के लिए टाल दी.
इस बीच सोसायटी द्वारा दाखिल एक और याचिका को 16 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है, जिसमें मांग की गयी है कि सीबीआई उनके जब्त बैंक खातों को छोड़ दे.
घोटाले की जांच कर रही सीबीआई संभवत: उस दिन अदालत के समक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट दाखिल करेगी.
एजेंसी ने 29 जनवरी को आधिकारिक शक्तियों के दुरुपयोग, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत 13 लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.