घोटाले की चपेट में आई आदर्श आवासीय सोसायटी के सदस्यों ने इमारत गिराए जाने के केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के आदेश को बम्बई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.
पर्यावरण मंत्रालय ने 16 जनवरी को सोसायटी को निर्देश दिया था कि तटीय नियमों के उल्लंघन के चलते दक्षिण मुम्बई स्थित ‘अनधिकृत’ 31 मंजिला इमारत को तीन महीने के भीतर गिरा दिया जाए.
इमारत को बचाने के प्रयास के तहत सोसायटी के लगभग 103 सदस्यों ने सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और मंत्रालय के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि यह ‘कानूनन गलत’ है.
अमित नाईक की विधि कंपनी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सोसायटी के लिए सरकार के सभी संबंधित विभागों से मंजूरी ली गई थी.
याचिका में कहा गया है ‘सोसायटी ने सभी नियमों का पालन किया है और सरकार से आवश्यक अनुमति भी ली थी.’ करगिल शहीदों के परिजनों के लिए बनाई गई यह बहुमंजिला इमारत इन खबरों के बाद सुखिर्यों में आ गई थी कि इसमें बने फ्लैट शहीदों के परिजनों की बजाय राजनेताओं दो पूर्व सेना प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों नौकरशाहों तथा उनके परिवारों को आवंटित कर दिए गए.
इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबाआई) को जांच का निर्देश दिया था जिसने 29 जनवरी को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण अवकाशप्राप्त सेनाधिकारियों नौकरशाहों और राज्य सरकार के अधिकारियों सहित 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र धोखाधड़ी और आधिकारिक शक्तियों के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया.