आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है. 5 जजों की बेंच ने कुछ शर्तों के साथ आधार कार्ड को संवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपने-अपने लिए फायदेमंद बता रहे हैं. बीजेपी इसे उसकी जीत बता रही है तो कांग्रेस भी ऐसा ही दावा कर रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए जेटली ने बताया कि आधार पर कोर्ट का फैसला बड़ा है, आज हमारे देश में 122 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आधार कार्ड की मदद से 90 हजार करोड़ रुपए की बचत की है. उन्होंने कहा कि आधार की वजह से चोरी रुकी है जिससे नई योजनाओं पर खर्च हो रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आधार का आइडिया तो लाई थी, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि इसके साथ करना क्या है. हमारी सरकार ने इसका फायदा आम लोगों को पहुंचाया. उन्होंने कहा कि कई लोग इसका विरोध भी कर रहे थे वो चाहते हैं कि हम डिजिटल को छोड़ दोबारा कागजी काम पर आ जाएं.
पार्टी ने सोशल मीडिया पर चलाया कैंपेन
इससे पहले भी पार्टी की ओर से इस फैसले को ऐतिहासिक बताया गया था. आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘‘गरीबोन्मुखी मोदी सरकार’’ की बड़ी जीत करार देते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है. पार्टी ने ये भी जोर दिया कि आधार कार्ड किसी की निजता का उल्लंघन नहीं करता है.
Aadhaar integration improving ease of living for common man. #Aadhaar4Development pic.twitter.com/Vhle8IJFlX
— BJP (@BJP4India) September 26, 2018
फैसले के बाद ही बीजेपी की तरफ से सोशल मीडिया पर आधार के फायदे गिनाने शुरू कर दिए गए. वहीं, पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना भी साधा. पात्रा ने कहा कि इस आदेश ने वास्तव में विपक्षी पार्टी का पर्दाफाश कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिचौलियों का पक्ष लिया जबकि मोदी सरकार ने आधार लाकर यह सुनिश्चित किया कि लोगों को सीधे लाभ प्राप्त हो.
कांग्रेस ने क्या कहा?
एक तरफ BJP इस फैसले को अपनी जीत बता रही है तो वहीं कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार के लिए झटका करार दिया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि आधार पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मौजूदा केंद्र सरकार के 90 फीसदी दावों को खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा, 'केंद्र की मोदी सरकार ने UPA द्वारा गठित अच्छे आधार बिल को पूरी तरीके से खत्म कर दिया था. बीजेपी से सीखा जा सकता है कि कैसे किसी अच्छी अवधारणा को खत्म किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है?
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया लेकिन उसने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर दिये अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया. हालांकि, अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल फोन का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां लोगों से आधार नहीं मांग सकतीं.