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आयुष्मान भारत: दूसरी बार इलाज के लिए जरूरी होगा आधार कार्ड

यह योजना पूरे देश में लागू की गई है, लेकिन तेलंगाना, ओडिशा, दिल्ली और केरल उन राज्यों में शामिल हैं, जहां इसे शुरू नहीं किया गया है.

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फोटो- PIB
फोटो- PIB

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) शुरू की है, जिसे अपने किस्म की दुनिया की सबसे बड़ी योजना कहा जा रहा है. इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति लाभ पाता है तो उसके लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन इस योजना के तहत दूसरी बार इलाज के लिए यह (आधार कार्ड) अनिवार्य होगा.

पीएमजेएवाई (PMJAY) के क्रियान्यन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदू भूषण ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि दूसरी बार इलाज की स्थिति में यदि किसी के पास आधार नहीं है तो लाभार्थी को कम से कम यह साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने होंगे कि वे इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब सुप्रीम कोर्ट आधार योजना को संवैधानिक रुप से वैध ठहरा चुका है. इंदू भूषण ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं. आधार संख्या या यह साबित करने के लिए कम से कम ऐसे दस्तावेज, कि व्यक्ति ने 12 अंक की विशिष्ट पहचान संख्या के लिए पंजीकरण कराया है, इस योजना के तहत दूसरी बार उपचार के लिए अनिवार्य होगा.'

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पहली बार में इन दस्तावेजों से मिलेगा फायदा

उन्होंने कहा, 'पहली बार (इस योजना का) लाभ उठाने के लिए व्यक्ति आधार या मतदाता पहचान पत्र जैसे कोई पहचान पत्र दिखा सकता है.' आयुष्मान भारत- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का नाम बदलकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना किया गया है.

23 सितंबर को शुरू हुई योजना

प्रधानमंत्री ने 23 सितंबर को झारखंड से अखिल भारतीय स्तर पर इसकी शुरूआत की थी. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद से 50 हजार से ज्यादा गरीब लोग इसका फायदा उठा चुके हैं.

एनएचए के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश अरोड़ा ने बताया कि इस योजना की शुरुआत होने के बाद अब तक 47,000 से अधिक लोग उसका लाभ उठा चुके हैं. 92000 से अधिक लोगों को गोल्ड कार्ड दिया जा चुका है.

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