रसोई गैस सिलिंडरों पर सब्सिडी पाने के लिए आधार नंबर का होना जरूरी नहीं है. अब आप केवल अपने बैंक अकाउंट के जरिए भी सब्सिडी के पा सकते हैं. यानी अब आप एलपीजी सिलिंडरों पर दो तरीके से सब्सिडी के पैसे ले सकते हैं. अगर आपके पास आधार नंबर है तो उसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना से जोड़ दिया जाएगा. अगर आधार नहीं है तो आपके बैंक अकाउंट में स्कीम के जरिए पैसे पहुंचेंगे. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी.
पेट्रोलियम मंत्री ने खुद एक परेशान ग्राहक को कॉल किया
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस विकल्प को इसलिए दिया जा रहा है ताकि आधार संख्या नहीं होने पर कोई एलपीजी उपभोक्ता सब्सिडी से वंचित नहीं रहे.
न्होंने ग्राहकों को होने वाली समस्या का जायजा लेने के लिये स्वयं एक परेशान ग्राहक को कॉल किया और उसकी समस्या को जाना. प्रधान ने अपने मोबाइल फोन से
लुधियाना के एक ढिल्लों नाम के व्यक्ति को कॉल किया. उन्होंने मंत्रालय की वेबसाइट पर नकद सब्सिडी नहीं मिलने की शिकायत की थी. उसके बाद उन्होंने बुकिंग और
डिलीवरी स्थिति के साथ योजना की औचक जांच पड़ताल की.
योजना का नया नाम 'पहल'
इस योजना को भले ही पिछली यूपीए सरकार ने शुरू किया हो. लेकिन अब 'डीबीटीएल' का नाम बदलकर 'पहल' रखा गया है. इस योजना से आधार की अनिवार्यता को
हटाने के लिए इसे संशोधित किया गया. 15 नवंबर को देश के 54 जिलों में इसे लागू किया गया. जनवरी 2015 से यह नियम देशभर में शुरू किया जाएगा. इसके
अलावा अब http://www.mylpg.in पर हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी दी जाएगी.
जनवरी से एलपीजी सब्सिडी सीधे ग्राहकों के बैंक खातों में
नए साल की शुरूआत से देशभर में एलपीजी ग्राहकों को नकद सब्सिडी उनके बैंक खातों में मिलेगी ताकि वो रसोई गैंस सिलेंडर बाजार भाव पर खरीद सकें. सरकार को
उम्मीद है कि इससे सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपए की लीकेज रोक सकेगी. साथ ही 15 फीसदी तक रसोई गैस की फिजूलखर्जी पर भी लगाम लग सकती है.
14 फरवरी तक 'ग्रेस पीरियड', मिलेंगे सब्सिडी वाले सिलिंडर
जो उपभोक्ता इस योजना से अभी तक नहीं जुड़े हैं उन्हें तीन महीने का ग्रेस पीरियड मिलेगा. इस दौरान उन्हें सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलेंगे. इसके बाद उन्हें तीन महीने
का और पार्किंग पीरियड मिलेगा. इस दौरान उन्हें सिलेंडर मार्केट रेट पर खरीदना होगा. फिर इन तीन महीनों में उन्होंने जितने रसोई गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया था
उतने की कुल सब्सिडी के पैसे उनके खाते में डाल दिए जाएंगे.