पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद से ही राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा राजनीति के केंद्र में आ गया है. केंद्र सरकार ने साफ कह दिया है कि भारतीय सेना पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सक्षम है. इस बीच 'आजतक' ने इस मुद्दे को लेकर खास कार्यक्रम 'सुरक्षा सभा' का आयोजन किया है. जिसमें अहम सत्र 'कैसे निपटे पाकिस्तान से?' में चर्चा के दौरान पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह और पूर्व एयर चीफ मार्शल ए वाई टिपनिस शामिल हुए.
आजतक के मंच से ए वाई टिपनिस ने लड़ाकू विमान राफेल की अहमियत बताई. उन्होंने कहा कि आज हमारी हवाई ताकत जरूरत से कम है. हमें 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन हमारे पास मात्र 32 स्क्वाड्रन हैं, और अगले कुछ सालों में यह और भी कम हो जाएंगे. राफेल की जरूरत हमें इसलिए है क्योंकि यह अमेरिका के एफ-35 के मुकाबले का विमान है.
उन्होंने कहा कि बालाकोट में 12 मिराज की कार्रवाई से पाकिस्तान हिल गया है और अगर कार्रवाई के लिए 12 मिराज के बदले 12 राफेल गए होते तो परिणाम इससे भी भयावह होता. उन्होंने कहा कि आज राफेल की सख्त जरूरत है. और एक दो नहीं, पूरे 36 राफेल एक साथ वायुसेना को चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिस तरह भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान के 24 लड़ाकू विमान भारत के अंदर घुस आए थे, अगर उस दिन हमारे पास राफेल होता तो उनके 12 विमान भी वापस नहीं जा पाते. टिपनिस की मानें तो पाकिस्तानी साजिशन उस दिन कश्मीर पर हमला करने आए थे, लेकिन हमने कोशिश नाकाम कर दी.
एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ, इस सवाल के जवाब में एयर मार्शल एवाई टिपनिस ने कहा कि पाकिस्तान लगातार हमारे खिलाफ युद्ध चला रहा है और आतंक फैला रहा है. एयरफोर्स की कार्रवाई भी सर्जिकल स्ट्राइक ही थी.
वहीं कार्यक्रम में पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि हमें पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई जारी रखनी होगी. इसके बाद पाकिस्तान कहना शुरू करेगा कि कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद की जगह हिज्बुल-मुजाहिद्दीन आतंक फैला रहा है. इसलिए हमें इनके घर में घुसकर मारना होगा. इनके ट्रेनिंग सेंटर तबाह करने होंगे.