scorecardresearch
 

आजतक के खुलासे से खुली रेलवे की नींद

ट्रेन के टिकटों की कालाबाज़ारी पर आख़िरकार रेलवे को नींद से जागना पड़ा. आज तक की ख़बर का ऐसा असर हुआ कि दिल्ली के अलग अलग आरक्षण केंद्रों से 12 दलालों को धर लिया गया.

Advertisement
X

रेलवे की तत्काल टिकटों की कालाबाजारी के खिलाफ आजतक ने 27 मई को एक मुहिम छेड़ा था. जब रेलवे ने कार्रवाई नहीं की तो फिर एक जून को नए सिरे से मुहिम को आगे बढ़ाया. देशभर से हजारों लोग मुहिम से जुड़े और इसी का नतीजा है कि रेलवे को भी नींद से जागना पड़ा.

Advertisement

आजतक पर स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दिखाया गया था कि किस तरह बड़े पैमाने पर रेलवे टिकटों की धांधली हो रही है. यह भी दिखाया गया कि किस तरह घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी आम लोगों को तत्काल में नहीं मिलता कन्फर्म टिकट. साथ ही उन दलालों का चेहरा भी दिखाया गया जो बुकिंग क्‍लर्क से मिलीभगत कर तत्काल सेवा का फ़ायदा उठा रहे हैं.

और तो और रिजर्वेशन के लिए रेलने ने जो वेबसाइट बना रखी है यानी आईआरसीटीसी की वेबसाइट भी नाकाम साबित हो रही है. खुलेआम दोगुनी और तीन गुनी कीमत वूसलकर ये दलाल किस तरह लोगों को किसी भी ट्रेन, किसी भी क्लास का टिकट मुहैया कराते हैं ये खेल सबने देखा लेकिन फिर भी रेलवे की नींद नहीं खुली. लेकिन आज तक ने हार नहीं मानी और मिशन जारी रखा. इस मुहिम के बाद हर ओर से यही मांग उठ रही थी कि बंद करो तत्काल का घोटाला.

Advertisement

आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद रेलवे की न सिर्फ नींद खुली बल्कि दिल्ली में चार स्टेशनों पर छापा पड़ा. विजिलेंस, आरपीएफ और कर्मशियल विभाग की ओर से पड़े इस छापे में दोपहर तक करीब दर्जन भर दलाल हिरासत में लिए जा चुके थे. छापेमारी के दौरान दो बुकिंग क्लर्क भी गिरफ्तार किए गए.

रेलवे के कर्मचारियों की गिरफ्तारी से साफ है कि टिकटों की कालाबाजारी में दलालों के साथ वो भी शामिल थे. रेलवे के तत्काल टिकटों की कालाबारी के खिलाफ आज तक की मुहिम की लोग बेहद खुश हैं. लोगों का कहना है कि ऐसे घोटालेबाजो के खिलाफ मुहिम जारी रहनी चाहिए.

Advertisement
Advertisement