एक तरफ सारा देश और तमाम सरकारी अधिकारी चुनाव सम्पन्न कराने में व्यस्त हैं, तो दूसरी तरफ इसी का आड़ में रेत माफिया अपना धंधा चला रहे हैं. बल्कि चुनाव के मद्देनजर ये और भी तेज हो चला है. करीब साल भर पहले एमडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल के सस्पेंशन की बदौलत खबरों में आए इस अवैध धंधे में बदलाव सिर्फ ये आया है कि रेत का कारोबार पहले से कई गुना बढ़ गया है. रेत माफिया को सबके सामने लाने के लिए दिल्ली आज तक ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया.
ऑपरेशन अंडरग्राउंड के तहत दिल्ली आजतक ने माफिया और उससे जुड़े लोगों का स्टिंग ऑपरेशन किया है. ऑपरेशन अंडरग्राउंड में माफिया ने खुद ही अफसरशाही, पुलिस और राजनीतिक मोहरों को बेनकाब कर दिया.
दिल्ली आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में अब तक हमारी टीम माफिया के इशारे पर काम करने वालों से मिल चुकी थी. वो रेत माफिया जो नोएडा सेक्टर 18 में शहर के बीचों-बीच अवैध रूप से करोड़ों रुपये की रेत बेचने का कारोबार कर रहा है.
दिल्ली आजतक के खुफिया कैमरे पर रेत माफिया का चेहरा और करोड़ों रुपये के काले कारोबार की तमाम बातें कैद हो गई. लेकिन, अब रेत माफिया जो दावे करने जा रहा है उसे सुनकर सब दंग रह जाएंगे.
रेत माफिया का दावा है कि इस गोरखधंधे से होने वाली कमाई को वो पुलिस-प्रशासन और नेताओं को बांटता है. ताकि उसके कारोबार में किसी तरह की रुकावट ना आए. यही नहीं, उन्होंने बाकायदा यह भी बताया कि किसे-किसे कितना पैसा जाता है.
रेत के माफिया ने दावा किया कि वो अफसर, पुलिस और नेताओं को करोड़ों रुपये हर महीने पहुंचाता है.
सिर्फ रेत ही नहीं नोएडा में खनन माफिया भी हैं. रेत माफिया की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खनन पर रोक लगी है, लेकिन उसे किसी भी कानून का कोई डर नहीं है. ग्रेटर नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने जिस माफिया राज को जड़ से खत्म करने की कोशिश की, उसमें वो कामयाब नहीं हो सकीं क्योंकि, सिस्टम ही उनके खिलाफ खड़ा हो गया.